देवरिया: दादा-दादी को जेल भिजवाने के लिए पौत्र ने फेवीक्विक से मुंह चिपका स्टूडेंट को मारा
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में ट्यूशन पढ़ने गए छह साल के मासूम को अगवा कर फेवीक्विक से मुंह चिपका हाथ-पैर बांध निर्मम हत्या करने…
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उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में ट्यूशन पढ़ने गए छह साल के मासूम को अगवा कर फेवीक्विक से मुंह चिपका हाथ-पैर बांध निर्मम हत्या करने की सनसनीखेज वारदात सामने आई है. बच्चे का शव ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक नरसिंह विश्वकर्मा घर के बाहर बने शौचालय से पुलिस ने बरामद किया है. पुलिस ने जब इस मामले की जांच के लिए ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक,उनके बेटे और पौत्र अरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ किया तो हैरान करने वाला मामला सामने आया है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि शिक्षक के पौत्र ने अपने दादा-दादी को जेल भिजवाने के लिए मासूम को मार डाला.
पुलिस के मुताबिक शिक्षक नरसिंह का पौत्र अरुण उर्फ गोलू विश्वकर्मा (उम्र 20 वर्ष) कोई काम नहीं करता था. हमेशा पब्जी (PUBG) गेम खेलता रहता था. सट्टे के खेल में पैसे भी लगाता था और हजारों रुपये हार चुका था. दादा यानी शिक्षक नरसिंह विश्वकर्मा उसे पब्जी खेलने से हमेशा मना किया करते थे. इस दौरान जो बच्चा नरसिंह विश्वकर्मा से पढ़ने आता था वह अरुण उर्फ गोलू को हमेशा चिढ़ाता था. इससे खार खाए अरुण उर्फ गोलू ने दादा-दादी को जेल भिजवाने के लिए ट्यूशन पढ़ने निकले बच्चे को अपने घर पहुंचने से पहले ही अगवा कर लिया.
आरोपी युवक ने मुंह चिपका हाथ-पैर बांध अपने घर के बाहर टॉयलेट में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया. आरोपी अरुण ने बच्चे की कॉपी से एक पेज फाड़कर उस पर घर वालों के नाम फिरौती की चिट्ठी भी लिख दी और पांच लाख रुपये की मांग की. उसने यह चिट्ठी बच्चे के घर के सामने एक खेत मे चुपके से रख दिया. जब लोगों ने बच्चे की खोजबीन शुरू की, तो उसने खुद ही चिट्ठी की तरफ ध्यान आकृष्ट कराया, लेकिन उस वक्त घरवालों को अरुण पर शक नहीं हुआ.
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हैरान कर देने वाली है जुर्म की ये पूरी कहानी
आपको बता दें कि थाना लार के हरखौली गांव निवासी गोरख यादव होमियोपैथी दवा का कारोबार करते हैं. इनके तीन बेटियां और एक बेटा था, जिसका नाम संस्कार यादव है. संस्कार गांव के ही नरसिंह विश्वकर्मा नाम के शिक्षक से उनके घर पर रोजाना ट्यूशन पढ़ने जाता था. 6 जुलाई को समय से आधा घंटे पहले वह घर से निकल गया और शाम तक जब वापस नहीं लौटा, तो घरवाले घबरा गए. उन्होंने शिक्षक नरिसंह के घर पहुंच कर पूछताछ की तो पता चला कि बच्चा ट्यूशन पढ़ने पहुंचा ही नहीं था.
वहीं दूसरी तरफ शाम को वह चिट्ठी मिल गई जिसमें पांच लाख की फिरौती की मांग करते हुए प्रशासन को न बताने की धमकी दी गई थी. घरवालों ने इसकी सूचना लार पुलिस को दी. रात नौ बजे के करीब लार की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच-पड़ताल करने लगी. एसपी संकल्प शर्मा और सीओ सलेमपुर भी गांव पहुंच गए लेकिन मामले में कुछ हासिल होता नहीं दिखाई दे रहा था.
आखिरकार पुलिस ने यूं किया पूरी साजिश का खुलासा
देर रात पुलिस ने नरसिंह, उनके बेटे, पत्नी, पौत्र सभी को हिरासत में ले लिया. जब शिक्षक नरसिंह के पौत्र अरुण उर्फ गोलू से कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने बताया कि संस्कार को अगवा कर उसे मारने के बाद शव टॉयलेट के अंदर छिपाया है. आरोपी अरुण की निशानदेही पर पुलिस ने बच्चे का शव रात एक बजे के करीब बरामद कर लिया. बच्चे के मुंह पर फेवीक्विक लगा था और हाथ-पैर बंधा हुआ था. पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम कराया है, जिसमें सांस नही मिलने से और सिर में चोट से मौत की पुष्टि हुई है.
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आपको बता दें कि ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षक नरसिंह विश्वकर्मा के साथ उनकी पत्नी मंदोदरी, बेटा राजकुमार, बहू कुमकुम देवी और पौत्र अरुण उर्फ गोलू विश्वकर्मा रहते हैं. आरोपी अरुण उर्फ गोलू पब्जी गेम का शौकीन था. दादा नरसिंह हमेशा मना करते थे. अरुण ने अपने दादा-दादी को सबक सिखाने और जेल भेजवाने के लिए इस पूरे घटना को अंजाम दिया.
एक तरफ बेटे को खोने के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, तो वहीं गांव में तनाव की स्थिति को देखते हुए एक प्लाटून पीएसी तैनात की गई है. एसपी संकल्प शर्मा ने बताया कि टीचर के पोते ने जुर्म कबूल कर लिया है. इस मामले में मुकदमा लिखा गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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