अतीक-अशरफ की हत्या के पीछे ये था असल मास्टरमाइंड, चार्जशीट में हुए कई बड़े खुलासे

संतोष शर्मा

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UP News: माफिया डॉन अतीक अहमद (Atique Ahmed) और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद अतीक का पूरा साम्राज्य मिट्टी में मिल चुका है. अतीक और अशरफ की पत्नी, बहन भी फरार हैं. अतीक की हत्या के बाद से उसका पूरा परिवार बिखर चुका है. इसी बीच अतीक-अशरफ की हत्या के मामले में अब एसआईटी ने भी चार्जशीट दाखिल कर दी है. पुलिस ने अपनी चार्जशीट में मौके से पकड़े गए तीनों शूटरों को हो आरोपी बनाया है. पुलिस ने माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ की पुलिस कस्टडी में की गई हत्या में सुपारी किलिंग और किसी भी बड़ी साजिश को नकार दिया है. एसआईटी की तरफ से दाखिल की गई चार्जशीट का कोर्ट ने संज्ञान लेकर तीनों आरोपियों को तलब किया है. बता दें कि ये तीनों आरोपी प्रतापगढ़ जेल में बंद है.

दाखिल की गई 2056 पेज की चार्जशीट

आपको बता दें कि बीते 15 अप्रैल को प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल में पुलिस कस्टडी में माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में एसआईटी का गठन किया गया था. प्रयागराज में तैनात अपर पुलिस आयुक्त सतीश चंद्र, एसीपी सत्येंद्र प्रसाद तिवारी और इंस्पेक्टर ओम प्रकाश को एसआईटी में शामिल किया गया था. 

पुलिस की एसआईटी टीम ने गुरुवार देर रात कोर्ट में 2056 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. पुलिस की तरफ से दाखिल की गई 2056 पेज की चार्जशीट में 2000 पेज में पुलिस की केस डायरी, नक्शा नजरी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, चालान, फोटो परीक्षण रिपोर्ट, गवाहों के बयान, सीसीटीवी फुटेज का विवरण आदि शामिल है. इसी के साथ तीनों ही आरोपियों, लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या के खिलाफ आईपीसी की धारा 302/307/34 /120 बी /419/ 420 /467/ 468 /471 और आर्म्स एक्ट की धारा 3,7/ 25/ 27 और क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप पत्र भी दाखिल किया गया है.

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नहीं मिला कोई बाहरी मास्टरमाइंड 

मिली जानकारी के अनुसार, एसआईटी को अतीक और अशरफ की हत्या में किसी भी तरह की सुपारी किलिंग, कोई बड़ी साजिश या पर्दे के पीछे किसी अन्य मास्टरमाइंड के इशारे पर हत्या किए जाने के सबूत नहीं मिले हैं.  पुलिस ने तीनों आरोपियों  के पड़ोसियों-रिश्तेदारों और दोस्तों के बयान को भी अपनी जांच का हिस्सा बनाया है. पुलिस का मानना है कि ये तीनों हत्यारे आक्रामक प्रवृत्ति के हैं और तीनों ही जल्द से जल्द अपना नाम बनाना चाहते थे. 

13 अप्रैल को ही हो जाती अतीक-अशरफ की हत्या

पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया है कि यह तीनों शूटर तो 13 अप्रैल को ही अतीक और अशरफ की हत्या करना चाहते थे. उमेश पाल हत्याकांड में अतीक अहमद और अशरफ की कोर्ट में पेशी के दौरान ये तीनों हत्या करने के इरादे से कोर्ट पहुंचते थे. मगर वहां वकीलों की भीड़ और भारी पुलिस बल के रहने से ये घटना को अंजाम नहीं दे पाए. 

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वही कॉल्विन अस्पताल से मिले सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने दावा किया है की 15 अप्रैल को शूटर लवलेश तिवारी सबसे पहले कॉल्विन अस्पताल रात 9:10 पर पहुंच गया था, जिसके 12 मिनट बाद दोनों शूटर सनी सिंह और अरुण मौर्या कॉल्विन अस्पताल पहुंचे थे. लवलेश तिवारी अस्पताल के बाहर अतीक और अशरफ की जीप का इंतजार कर रहा था. जब अतीक अहमद को जीप से बाहर निकाला गया तो लवलेश तिवारी उसके पास पहुंचकर वीडियो बना रहा था तो वही सनी सिंह और अरुण मौर्या बाकी मीडिया कर्मियों के साथ खड़े होकर घुलने मिलने की कोशिश कर रहे थे. जैसे ही अतीक अहमद और अशरफ कॉलविन अस्पताल के गेट से अंदर पहुंचे तभी सनी सिंह और लवलेश तिवारी ने अपनी जिगाना पिस्टल से फायरिंग शुरू कर दी, जबकि अरुण मौर्य की पिस्टल से सिर्फ दो फायर हुए और पिस्टल फस गई थी.

शूटर सनी सिंह है असली मास्टरमाइंड

पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शूटर सनी सिंह को ही इस हत्याकांड का असली मास्टरमाइंड बताया है. पुलिस के मुताबिक, सनी सिंह ने ही अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का पूरा प्लान रचा था. पुलिस का कहना है सनी दिल्ली के कुख्यात गोगी गैंग के संपर्क में था. इसी गोगी गैंग के जरिए सनी को जिगाना पिस्टल मिली थी.

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