नाले में मिली थी महिला सिपाही की लाश, अब परिवार चाहता है हत्यारों को मिले कड़ी सजा

संजीव शर्मा

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लखनऊ में तैनात महिला कॉन्स्टेबल रुचि सिंह की लाश नाले में मिलने के बाद पुलिस ने इस मामले में आरोपी तहसीलदार, उसकी पत्नी समेत तीन को गिरफ्तार किया है. महिला सिपाही रुचि सिंह बिजनौर के नजीबाबाद कस्बे के गांव महावतपुर बिल्लौच की रहने वाली थी. रुचि ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर प्रेम विवाह किया था और बाद में पति के साथ तलाक की नौबत आ गई. बाद में इस कहानी में तहसीलदार प्रेमी की एंट्री हुई और इसका नतीजा खौफनाक रहा. अब रुचि का परिवार चाहता है कि बेटी के हत्यारों को सख्त से सख्त सजा मिले.

रुचि सिंह के पिता एक साधारण किसान हैं. उनके पास खेती के लिए 10-15 बीघा जमीन है. कुछ जमीन साझेदारी में लेकर उस पर खेती भी करते हैं. रुचि सिंह अपने परिवार में अकेली लड़की थी. रुचि सिंह के दो भाई और हैं, जिसमें बड़ा भाई अंकित है, जिसकी 2 साल पहले शादी हो चुकी है. अंकित अपने पिता के साथ खेती और गुड़ बनाने वाले कोल्हू में सहयोग करता है, जबकि छोटा भाई शुभम एसआई की तैयारी कर रहा है. रुचि सिंह ने नजीबाबाद के मूर्ति देवी सरस्वती कॉलेज से शिक्षा प्राप्त की थी. यहीं से उसने महिला सिपाही की भर्ती के लिए परीक्षा दी, जिसमें उसका सिलेक्शन हो गया.

2019 में उसकी ट्रेनिंग मुरादाबाद में हुई और ट्रेनिंग के दौरान ही साथी सिपाही नीरज से दोस्ती हो गई. रुचि ने 2019 में अपने परिजनों के मर्जी के खिलाफ सिपाही नीरज से शादी कर ली थी, जिससे परिवार वाले नाराज हो गए थे. परिवार ने बेटी के साथ संबंध लगभग खत्म कर लिए, लेकिन रुचि सिंह का यह रिश्ता सिपाही नीरज से ज्यादा लंबा नहीं चल पाया. हालांकि रुचि का रिश्ता लंबा नहीं चला और एक साल में ही तलाक की नौबत आ गई.

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इस दौरान ही रुचि की तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव से फेसबुक पर दोस्ती हो गई, जो बाद में नजदीकी में बदल गई. तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव ने सिपाही रुचि और नीरज के तलाक में भी अपनी भूमिका निभाई थी. बाद में रुचि की पोस्टिंग लखनऊ हो गई और दोनों खुलकर मिलने लगे. इन दोनों के बीच की कहानी परिवार में सिर्फ छोटे भाई शुभम को ही पता थी क्योंकि परिवार के अन्य सदस्य रुचि सिंह से संपर्क नहीं रखते थे. छोटा भाई शुभम ही लगातार उसके संपर्क में था और वह अपने भाई से ही सारी बातें शेयर करती थी.

हत्या होने के बाद रुचि की लाश लेने के लिए भी छोटा भाई शुभम ही लखनऊ पहुंचा था. अब बेटी को खोने के बाद पूरा परिवार एकजुट होकर उसके हत्यारों को सजा दिलाने की बात कर रहा है. आपको बता दें कि 17 फरवरी को रुति की लाश लखनऊ के एक नाले में मिली थी. पुलिस ने दावा किया है है कि महिला कॉन्स्टेबल की हत्या की गई है. पुलिस के मुताबिक तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव ने अपने साथी के साथ मिलकर पूरी घटना को अंजाम दिया, जिसकी जानकारी पद्मेश की पत्नी को भी थी.

पद्मेश की पत्नी प्रगति श्रीवास्तव भी इस योजना में शुरुआत से शामिल थी. प्रतापगढ़ के तहसीलदार ने महिला पुलिस कॉन्स्टेबल से पीछा छुड़ाने के लिए उसकी हत्या कर दी.

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