झांसी: नाबालिग ने फोन पर देख लिया अश्लील वीडियो, बदनामी के डर से दोस्त ने रच दी खूनी साजिश
झांसी जिले के लहचूरा थाना क्षेत्र में हुई 11 वर्षीय मासूम की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने शनिवार को 4 आरोपियों को गिरफ्तार…
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झांसी जिले के लहचूरा थाना क्षेत्र में हुई 11 वर्षीय मासूम की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस ने शनिवार को 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया. पुलिस ने मासूम की हत्या का कारण आरोपियों के मोबाइल में नाबालिग द्वारा अश्लील वीडियो देखना बताया है. लहचूरा थाने के रहने वाले संतराम यादव ने पुलिस से शिकायत करते हुए 6 जुलाई को बताया था कि उसका 11 वर्षीय बेटा सुमित यादव कहीं चला गया. काफी खोजबीन करने के बाद भी उसका कुछ पता नहीं चला.
पुलिस ने शिकायत को गंभीरता से लिया और उसकी तलाश शुरु कर दी. खोजबीन के दौरान पुलिस को नाबालिग का शव गांव के ही रहने वाले श्यामलाल के बाड़े के अंदर कमरे में पड़ा मिला.
पुलिस ने शव को बरामद करते हुए घटनास्थल का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डॉग स्क्वॉड की यूली सिर्फ रानी के द्वारा घटनास्थल के आस-पास मकान के बाहर भीड़-भाड़ में से उपस्थित राघवेन्द्र राजपूत और बाल अपराधी को सूंघ लिया गया. यह देख ग्रामीण आश्चर्य में पड़ गए. इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने छानबीन शुरु कर दी, जिसमें गांव के रहने वाले रवि श्रीवास, जितेन्द्र दुबे, राघवेन्द्र राजपूत और बाल अपचारी सामने आए. बाल अपचारी को छोड़कर अन्य की उम्र लगभग 23 वर्ष बताई जा रही है. सभी मृतक सुमित के दोस्त थे.
पुलिस ने छानबीन के दौरान सामने आए चारों आरोपियों को ग्राम सिजारी बुजुर्ग सिद्धेश्वर मंदिर के पास से गिरफ्तार किया और पूछताछ करते हुए छानबीन जारी रखी. गिरफ्तार आरोपियों के पास से एक डंडा, खून से सनी चारपाई, मोबाइल फोन बरामद किए गए.
घटना के खुलासे का दावा करते हुए एसएसपी शिवहरि मीणा ने बताया कि छानबीन के दौरान पता चला कि मृतक के दोस्त पबजी गेम खेलते थे. मृतक सुमित और बाल अपराधी के पास मोबाइल फोन नहीं था. वह दोनों राघवेन्द्र राजपूत के मोबाइल फोन में गेम देखते और खेलते थे. रवि श्रीवास का किसी लड़की से प्रेम प्रसंग था. रवि के मोबाइल फोन में आपत्तिजनक फोटो और वीडियो सेव थे. जिसे मृतक सुमित यादव ने पबजी गेम खेलने के बहाने मोबाइल में देख लिया था. जब इसकी जानकारी रवि को हुई तो उसने बदनामी के डर से मृतक को डांट लगाई. जिसपर मृतक ने बोला कि अभी तो नहीं बताया, लेकिन अब जरूर बताऊंगा.
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शिवहरि मीणा ने आगे बताया कि इसके बाद रवि ने इस बारे में राघवेन्द्र, जितेन्द्र और बाल अपराधी को बताया. सभी ने मिलकर मृतक सुमित को रास्ते से हटाने की योजना बनाई. इसके बाद 6 जुलाई की सुबह रवि से 500 रुपये लेकर बाल अपराधी ने सुमित यादव को पबजी गेम खेलने के लिए माता मंदिर के पास ले गया.
योजना के मुताबिक, पब्जी गेम खेलकर मृतक सुमित यादव बाल अपराधी को अगल-बगल बैठाए रहा. रवि श्रीवास और जितेन्द्र दुबे सामने ही श्यामलाल कुशवाहा के बाड़े में छिपकर इंतजार कर रहे थे. गेम खत्म होते ही बाल अपराधी मोबाइल लेकर गेम खेलने के बहाने से मृतक सुमित यादव को श्यामलाल के बाड़े में ले गया, जहां पीछे से राघवेन्द्र भी पहुंच गया. जितेन्द्र दुबे और राघवेन्द्र ने वहीं पड़े चारपाई के पाए और बाल अपराधी ने एक डंडा उठा लिया.
इसके बाद बाल अपराधी ने सुमित के पैर में डंडा मार दिया. राघवेन्द्र और जितेन्द्र ने भी अपने-अपने हांथों में लिए चारपाई के पावों से सुमित यादव के चेहरे पर सिर पर वार किए. जिससे सुमित की आंख के ऊपर से खून बहने लगा और वह बेहोश हो गया. रवि श्रीवास गर्दन दबाए रहा. फिर जितेन्द्र दुबे और राघवेन्द्र ने पावों से एक दो बार सुमित यादव के ऊपर किए. जिससे उसकी मौत हो गई.
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