बाहुबली मुख्तार अंसारी के दोनों सालों ने पुलिस से बचकर कोर्ट में किया सरेंडर, भेजे गए जेल

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जिनकी कभी पूर्वांचल में तूती बोलती थी, वे चुपचाप कोर्ट में सरेंडर करके जेल चले गए और किसी को कानों कान खबर भी नहीं लगी. जेल में बंद पूर्व विधायक और कभी बाहुबलियों में शुमार मुख्तार अंसारी के दोनों साले अनवर शहजाद उर्फ अन्नू और शरजील रजा उर्फ आतिफ ने 1 सितंबर को बड़े ही गोपनीय तरीके से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शरद कुमार चौधरी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. कोर्ट ने इनके खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करते हुए न्यायिक अभिरक्षा में दोनों को जेल भेज दिया, इस बात की पुष्टि उनके वकील ने की है और ये भी बताया कि मुख्तार के छोटे साले शरजील आजकल केंसर पीड़ित हैं, उन्हें मुंह का कैंसर है. शरजील का ऑपरेशन के बाद कोलकाता और मुंबई से इलाज चल रहा है.

आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी की पत्नी अफ्शा अंसारी, साले अनवर शहजाद उर्फ अन्नू, और शरजील रजा उर्फ आतिफ के वकील लियाकत ने बताया कि गाजीपुर पुलिस ने इनके ऊपर ये आरोप लगाया है कि गाजीपुर के नंदगंज थाना क्षेत्र में (सरकारी तालाब) सरकारी भूमि पर दोनों ने न सिर्फ कब्जा किया था बल्कि उसपर निर्माण भी किया था. इस मामले में इनके खिलाफ आरोप तय होने के बाद से ही पुलिस इनकी सरगर्मी से तलाश कर रही थी.

उन्होंने बताया कि इनके ऊपर दो मुकदमें 2021 में लगाए गए थे, जिसमें पुलिस बार-बार दबाव बना रही थी, जबकि एक मामले में कोर्ट से स्टे भी था. मगर 1 सितंबर को इन दोनों लोगों ने कोर्ट में विधिक रूप से सरेंडर कर दिया, जिसके बाद उन्हें कानूनी करवाई कर जेल भेज दिया गया. उन्होंने बताया कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे साले शरजील केंसर पीड़ित हैं, उन्हें मुंह का कैंसर है. जिनका ऑपरेशन के बाद कोलकाता और मुंबई से इलाज चल रहा है. इन दोनों लोगों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है, अब इस मामले में अगली तारीख 14 सितंबर है.

बता दें कि बाहुबली के रूप विख्यात पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी और उसके रिश्तेदारों की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. पुलिस ने 83 की करवाई के बाद 84 यानी कुर्की की दर्जनों कार्रवाईयां कर करोड़ों रुपये की संपत्ति और सैकड़ों लाइसेंस रद्द कर दिए थे. ऐसे में माना जा रहा है कि इसी डर से मुख्तार के दोनों सालों ने कोर्ट में आत्मसर्मण किया है.

प्रशासन शरजील और अनवर की भी कई संपत्ति कुर्क कर चुका है. नंदगंज के फतेहउल्लाहपुर में गोदाम बनाया था जिसकी मोटी कमाई बंद हो चुकी है. इस गोदाम तक पहुचने के रास्ते के लिए दोनों सालों ने मिलकर न सिर्फ सरकारी ताल पर कब्जा जमा लिया, बल्कि ताल को पाटकर गोदाम तक आने-जाने के लिए रास्ते का निर्माण करा दिया. इसी मामले में इनके खिलाफ 2 आरोप तय हुआ था.

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हालांकि प्रशासन ताल को कब्जा से मुक्त कराने के साथ ही गोदाम को भी कुर्क कर चुका है. लियाकत अली एडवोकेट और पुलिस सूत्रों के अनुसार दोनों आरोपियों ने नंदगंज में दर्ज मामले में आत्मसमर्पण किया है. जबकि अभी मुख्तार अंसारी की पत्नी और उनके बेटे को भी पुलिस अन्य मामलों में खोज रही है, जिसमें वे दोनों अभी फरार हैं.

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