कौन हैं ATM हैकर रिश्वत कांड के मुख्य आरोपी शावेज खान, जिनको कई बार सम्मानित भी किया गया
ATM हैकर को रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले में, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में नियुक्त निरीक्षक शावेज खान और मुख्य आरक्षी अमरीश कांत यादव को सेवा से…
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ATM हैकर को रिश्वत लेकर छोड़ने के मामले में, कमिश्नरेट गौतमबुद्धनगर में नियुक्त निरीक्षक शावेज खान और मुख्य आरक्षी अमरीश कांत यादव को सेवा से डिसमिस कर दिया गया है.
कौन हैं शावेज खान?
शावेज खान पिछले कई सालों से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तैनात थे. वह नोएडा के लगभग सभी बड़े थानों में तैनात रहे हैं. शावेज खान को कई बार पुलिस कमिश्नर ने सम्मानित भी किया. यहां तक कि 15 अगस्त के मौके पर भी शावेज को सम्मानित किया गया था.
नोएडा में DRDO वैज्ञानिक के अपहरण मामले में कमिश्नर ने 5 लाख रुपये देकर शावेज को सम्मानित किया था. शावेज का रसूख कुछ ऐसा रहा कि सब इंस्पेक्टर रहते हुए भी उन्हें कई बड़े पुलिस स्टेशन का प्रभारी बनाया गया.
मगर अब रिश्वत कांड में शावेज और अमरीश को कमिश्नर ने नौकरी से ही बर्खास्त कर दिया है और स्वात टीम के बाकी 9 सदस्यों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. अब शावेज समेत इन सभी पुलिसकर्मियों की संपत्ति की जांच भी शुरू हो गई है. शावेज ज्यादातर क्राइम ब्रांच या स्वात टीम में ही पोस्टिंग को पसंद करते थे.
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कैसे सामने आया रिश्वत कांड?
गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्तालाय से संबंद्ध अपराध शाखा की टीम द्वारा एटीएम हैकर को पकड़ने के बाद, उनसे 20 लाख रुपये और एक क्रेटा कार रिश्वत में लेकर छोड़ने का खुलासा विभागीय जांच में हुआ है. इस संबंध में पुलिस उपायुक्त (अपराध) ने वरिष्ठ अधिकारियों को जांच सौंपी है.
गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाना पुलिस ने जब हैकर को दोबारा पकड़ा और पूछताछ की तो रिश्वत लेकर छोड़ने का मामला सामने आया. इसके बाद गाजियाबाद पुलिस ने पुलिस महानिदेशक को रिपोर्ट भेजी और उन्होंने जांच के आदेश दिए.
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अपर पुलिस उपायुक्त लव कुमार ने बताया कि इंदिरापुरम थाना पुलिस ने एटीएम हैकर गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिन्होंने एक क्रेटा कार से घटना को अंजाम दिया था. जब पुलिस ने कार के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कार नोएडा पुलिस की अपराध शाखा की टीम के पास है.
कुमार के मुताबिक, ”आरोपियों ने बताया कि तीन महीने पहले नोएडा अपराध शाखा की टीम ने उन्हें पकड़ा था और उस दौरान उनके पास 10 लाख रुपये नकद थे जिसे टीम ने जब्त कर लिया था. उसके बाद उनसे 10 लाख रुपये और लेने के लिए एक टीम उनके घर गई थी. टीम वहां से 10 लाख रुपये और क्रेटा कार लेकर आ गई थी.’’
उन्होंने बताया कि इस मामले की जांच पुलिस उपायुक्त (अपराध) अभिषेक को सौंपी गई और प्रथम दृष्टया जांच में आरोप सही पाए गए हैं.
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(भाषा के इनपुट्स के साथ)
UP: ₹20 लाख और क्रेटा कार रिश्वत में लेने पर क्राइम ब्रांच प्रभारी और आरक्षी बर्खास्त
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