डीमैट अकाउंट बनाकर करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर करते थे ठगी, ग्राहकों को ऐसे फंसाता था गैंग

भूपेंद्र चौधरी

अगर आप ऑनलाइन ऐप के जरिए ट्रेडिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि नोएडा के साइबर थाना ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

अगर आप ऑनलाइन ऐप के जरिए ट्रेडिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए, क्योंकि नोएडा के साइबर थाना ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो डीमैट अकाउंट खुलवा कर लोगों से ठगी किया करता था.

यह गैंग अब तक 500 लोगों से धोखाधड़ी कर चुका है. पुलिस ने गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है.

जानकारी के मुताबिक, गाजियाबाद के रहने वाले जीएसटी के रिटायर्ड कमिश्नर अशोक कुमार ने नोएडा साइबर क्राइम थाना सेक्टर-36 में मुकदमा दर्ज करवाया था कि उनके साथ करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर 15 लाख की ठगी हुई है.

साइबर क्राइम पुलिस ने जांच शुरू किया तो इस गैंग का खुलासा हुआ. जिसके बाद पुलिस ने मध्यप्रदेश जाकर छापेमारी की, जिसमें एक आरोपी शोयब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है. आरोपी मूलरूप से मध्यप्रदेश का रहने वाला है.

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि इन लोगों ने आमदनी सॉल्यूशन नाम से एक कॉल सेंटर बना रखा था, जिसके माध्यम से यह लोगों को कॉल कर करेंसी ट्रेडिंग करने के लिए कहते थे. लोगों को कन्वेंस करने के बाद उनका मेटा ट्रेडर्स पर डीमैट एकाउंट खुलवा दिया करते थे, जिसका एक्ससेस ये लोग अपने पास भी रखा करते थे.

यह भी पढ़ें...

इन लोगों ने फर्जी मेटा ट्रेडर्स 5 नाम से एक ऐप बनाकर प्ले स्टोर पर अपलोड कर रखा था, जिसमें डिजिटल रूप से ग्राहक को यह लगता था कि उसके पैसे बढ़ रहे हैं, जिस वजह से वह और इन्वेस्ट करता था.

वहीं जब ग्राहक अपने पैसे और प्रॉफिट वापस लेना चाहता तो जीएसटी चार्ज, कन्वर्जन चार्ज और सेटलमेंट चार्ज के नाम पर यह लोग विभिन्न खातों में पैसे ट्रांसफर करवाया करते थे. इन लोगों ने पीड़ित अशोक कुमार से लगभग 15 लाख रुपए की ठगी की थी. अब तक ये लोग 500 लोगों से लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं.

वहीं साइबर क्राइम थाने की इंचार्ज रीता यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि पीड़ित की शिकायत के बाद हम लोगों ने जांच के बाद इंदौर में छापेमारी की, जिसमें एक आरोपी शोएब मंसूरी को गिरफ्तार किया गया है.

उन्होंने आगे बताया कि ये लोग कॉल सेंटर के माध्यम से अलग-अलग ब्रोकिंग कंपनियों से ट्रेडिंग करने वाले लोगों का डाटा लिया करते थे और उन्हें कॉल कर इनकी कंपनी के माध्यम से करेंसी ट्रेडिंग के लिए कन्वेंस किया करते थे. अब तक ये लोग 500 लोगों के साथ लगभग 15 करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं. इनके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है.

नोएडा: साइबर फ्रॉड करने वाले गैंग का पर्दाफाश, पॉलिसी के नाम पर करते थे ठगी, 8 गिरफ्तार

    follow whatsapp