बाहुबली मुख्तार से गैंगस्टर जीवा के याराने की कहानी जानिए, कैसे बनी दोनों की जोड़ी?

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Sanjeev Jiva News: गैंगस्टर और नेता मुख्तार अंसारी के सहयोगी संजीव जीवा (48) की बुधवार को लखनऊ अदालत परिसर के भीतर गोली मारकर हत्या कर दी गई. आपको बता दें कि जेल में बंद संजीव जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए अदालत लाया गया था और इसी दौरान यह घटना घटी. मुख्तार अंसारी गिरोह का कुख्यात सदस्य जीवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले का निवासी था. मगर क्या आप जानते हैं कि जीवा मुख्तार के संपर्क में कैसे आया था? खबर में आगे जानिए जीवा के मुख्तार के संपर्क में आने की अनसुनी कहानी!

जीवा के मुख्तार के संपर्क में आने की पूरी कहानी

पुलिस के अनुसार, संजीव जीवा सबसे पहले नाजिम जो कि ज्वालापुर हरिद्वार का रहने वाला है उसके गैंग में रहकर अपराध करता था. इस गैंग में नाजिम समेत संजीव जीवा, सतेंद्र, बलवेंद्र, जितेंद्र उर्फ भूरी, पवन, अमरजीत उर्फ बबलू, रमेश ठाकुर सदस्य थे. यह गैंग हरिद्वार, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर में अपहरण, डकैती, हत्या व लूट आदि जैसे जघन्य अपराध करता था.

जीवा पर है ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या का आरोप

इस गैंग द्वारा पूर्व विद्युत मंत्री और भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की फैजाबाद में हत्या कर दी गई थी, जिसमें कोर्ट द्वारा 20 वर्ष की सजा सुनाई गई. इस गैंग के सदस्य भूरी और रमेश ठाकुर पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं. अमरजीत और बबलू आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं. वहीं, गैंग का सदस्य बलवेंद्र उर्फ बल्लू सुशील मूंछ गैंग में शामिल हो गया. इसके बाद जीवा ने सतेंद्र के साथ मिलकर अपना नया गैंग बना लिया.

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नया गैंग बनाने के बाद मुख्तार के संपर्क में आया जीवा

इसके बाद संजीव जीवा, माफिया मुख्तार अंसारी के संपर्क में आ गया और उसके संरक्षण में अपना गैंग संचालित करने लगा. पश्चिमी यूपी के साथ-साथ पूर्वी यूपी में भी अपराधिक गतिविधियों में सक्रिय हो गया. पुलिस के अनुसार, जीवा वर्तमान समय में मुख्तार अंसारी के लिए ही अपराध करता था. इसी कड़ी में इसने बीजेपी विधायक कृष्णानन्द राय की हत्या में मुख्तार असारी गैंग के साथ रहकर हत्या को अंजाम दिया था. इसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार होकर मौजूदा समय में लखनऊ जेल में बंद था.

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