फतेहपुर: छज्जे पर खड़े होकर देख रहे थे मोहर्रम का जुलूस, भरभराकर नीचे गिरे, 20 घायल

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यूपी के फतेहपुर जिले में मोहर्रम का जुलूस देखने के दौरान घर का छज्जा अचानक गिर गया, जिससे छज्जे व छज्जे की नीचे खड़ी महिलाएं व बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसे पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया. दुर्भाग्य की बात ये है कि ऐन वक्त पर अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं था. इससे घायलों के परिजन भड़क गए. मामला बढ़ता देख अस्पताल पहुंचे सीएमओ ने घायलों के इलाज के लिए डॉक्टरों की टीम मौके पर बुलाई और इलाज शुरू कराया. इस घटना के दौरान बच्चे , महिलाएं समेत 20 लोग घायल हैं जिनमें से 3 की हालत गंभीर बताई जा रही है. इन्हें कानपुर रेफर किया गया है.

फतेहपुर जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र के मुराईन टोला इलाके में मोहर्रम के दशमी के जुलूस के दौरान घर का छज्जा अचानक गिर गया. छज्जा गिरने से छज्जे व छज्जे के नीचे खड़ी महिलाएं व बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए. इस घटना के बाद जुलूस में भगदड़ की स्थिति बन गई.

मौके पर मौजूद पुलिस ने मामले को नियंत्रित करते हुए घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों की कमी देखते हुए घायलों के परिजन उग्र हो गए. मामला बढ़ता देख पूरा अस्पताल परिसर छावनी में तब्दील हो गया और जिसके अस्पताल पहुंचे सीएमओ ने डॉक्टरों की टीम बुलाकर इलाज शुरू कराया. तब जाकर किसी तरह मामला शांत हो पाया. इस घटना के दौरान 5 बच्चे व महिलाएं सहित 20 लोग घायल हो गए, जिसमे तीन की हालत नाजुक देखते हुए कानपुर के लिए रेफर कर दिया है.

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प्रत्यक्षदर्शी और घायलों ने बताई आपबीती

घायल महिला शकीना के मुताबिक हम अपने बच्चों को लेकर ताजिया देख रहे थे तभी छत का छज्जा अचानक हमलोगों के ऊपर गिर गया जिसके बाद हम बेहोश गए. इसमें में मेरा बच्चा भी घायल हो गया है.

प्रत्यक्षदर्शी गाजी अब्दुल रहमान के मुताबिक ताजिया मिलाप के दौरान घर के छज्जे पर कुछ महिलाएं व बच्चे खड़े थे. छज्जा बहुत ही जर्जर था. ज्यादा भार होने से वो टूट गया. जिसके कारण यह हादसा हुआ. लगभग 25 लोग घायल हैं. ज्यादातर महिलाएं व बच्चे हैं. हड्डी का डॉक्टर मौके पर मौजूद नहीं है. सीएमओ से बात करने के बाद अस्पताल में कुछ स्टाफ आया है. बाकी यहां स्टाफ की भी कमी है.

सीएमओ सुनील भारती के मुताबिक एक दो लोग हैं जिसके पैर में फ्रैक्चर है. बाकी सभी लोगों की स्थिति कंट्रोल में है. भीड़ के कारण थोड़ा मिस मैनजमेंट हो जाता है, क्योंकि डॉक्टर उस समय मौजूद नहीं थे. डॉक्टर इमरजेंसी के अंदर चार रहते हैं. चार हैं दो डॉक्टरों को और बुलाया गया है.

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