बनारस में 'बॉस' के चक्कर में फंस गए भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह! इनसाइड स्टोरी भी जान लीजिए
वाराणसी में भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया गया है. जानें, 'बॉस' फिल्म में इन्वेस्टमेंट से जुड़े इस धोखाधड़ी केस की पूरी इनसाइड स्टोरी.
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भोजपुरी के पावर स्टार पवन सिंह बनारस में एक केस के लपेटे में आते नजर आ रहे हैं. वाराणसी की एक कोर्ट ने लोकल कारोबारी की शिकायत पर भोजपुरी सिंगर और एक्टर पवन सिंह के अलावा 3 अन्य लोगों पर केस दर्ज करने का निर्देश दिया है. इन लोगों पर कारोबारी से धोखाधड़ी करने का आरोप है. ये पूरा मामला पवन सिंह की सुपरहिट मूवी बॉस से भी कहीं न कहीं जुड़ता हुआ नजर आ रहा है. आइए आपको विस्तार से इस मामले की जानकारी देते हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वाराणसी के एक होटल व्यवसायी की शिकायत पर ये केस दर्ज करने का आदेश हुआ है. यह आदेश 13 अगस्त को अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सेकंड की कोर्ट ने दिया है. कारोबारी विशाल सिंह ने कोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी.
विशाल सिंह के आरोप क्या हैं?
विशाल सिंह के वकील आशीष सिंह ने आरोप लगाया कि उनके क्लाइंट को 2018 की फिल्म "बॉस" में इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगा गया है. वकील के मुताबिक विशाल सिंह की मुलाकात 2017 में मुंबई के एक फिल्म निर्देशक प्रेम शंकर राय से हुई थी. इसके बाद उन्होंने बॉस के प्रोजेक्ट से जुड़े कई लोगों से विशाल की मुलाकात कराई.
आरोप है कि विशाल सिंह को मूवी से मुनाफे का सपना दिखाया गया. उन्हें वादा किया गया कि अगर वो फिल्म में इन्वेस्ट करेंगे तो इससे आने वाला मुनाफा उनके साथ भी शेयर किया जाएगा. वकील के मुताबि विशाल सिंह की पवन सिंह के साथ एक मुलाकात भी कराई गई.
विशाल सिंह का दावा- 1.25 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया, कोई फायदा नहीं दिया
विशाल सिंह की ओर से दावा किया गया है कि उन्होंने अपनी और अपने भाई की फर्म से लगभग 32.60 लाख रुपये दिए. जुलाई 2018 में उन्हें फिल्म का निर्माता घोषित किया गया और 50 प्रतिशत प्रॉफिट का वादा किया गया. दावे के मुताबिक उन्होंने इस प्रोजेक्ट में 1.25 करोड़ रुपये का और निवेश किया. आरोप हैं कि फिल्म के रिलीज होने के बावजूद विशाल सिंह को प्रॉफिट में कोई हिस्सेदारी नहीं दी गई. कारोबारी का आरोप है कि जब उन्होंने अपने बकाया की मांग की, तो अभिनेता पवन सिंह ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी.
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शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत के साथ कैंटोनमेंट पुलिस स्टेशन और पुलिस आयुक्त से संपर्क किया. कोई कार्रवाई न होने पर उन्होंने अदालत का रुख किया. अब कोर्ट ने पवन सिंह और तीन अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में FIR दर्ज करने निर्देश दिया है.