ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी के अन्य मामले में पोषणीयता पर आदेश सुरक्षित, 27 अक्टूबर को फैसला
वाराणसी के श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद (Shringar Gauri and Gyanvapi Mosque Case) के एक अन्य चल रहे फास्ट ट्रैक अदालत में पोषणीयता की सुनवाई…
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वाराणसी के श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद (Shringar Gauri and Gyanvapi Mosque Case) के एक अन्य चल रहे फास्ट ट्रैक अदालत में पोषणीयता की सुनवाई…
वाराणसी के श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद (Shringar Gauri and Gyanvapi Mosque Case) के एक अन्य चल रहे फास्ट ट्रैक अदालत में पोषणीयता की सुनवाई पर न्यायालय ने आर्डर सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट अब 27 अक्टूबर को फैसला सुनाएगा कि मामला सुनने योग्य है या नहीं.
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दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग आकृति आदिविशेश्वर की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारंभ कराने की मांग हिन्दू पक्ष की तरफ से याची किरण सिंह ने की थी. इस मांग के खिलाफ मुस्लिम पक्ष से अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी ने पोषणीयता पर सवाल उठाया था और अब कोर्ट 27 अक्टूबर को तय करेगी कि मामला सुनने योग्य है या नहीं.
वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक महेंद्र कुमार पांडे की अदालत में बीते महीनों में ज्ञानवापी परिसर से संबंधित मुकदमा नंबर 712/2022 भगवान आदि विशेश्वर विराजमान द्वारा किरन सिंह विसेन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य का चल रहा है. जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग आकृति आदिविशेश्वर की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारंभ कराने की मांग की गई थी.
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सुनवाई के दौरान प्रतिवादी संख्या-4 अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने केस की मेंटेनेबिलिटी यानी पोषणीयता पर सवाल खड़ा किया था. जिसके बाद कोर्ट ने पोषणीयता ऑर्डर 7 रूल 11 सुनवाई शुरू कर दी.
हिन्दू और मुस्लिम दोनों पक्षों की बहस शनिवार को पूरी हो चुकी. जिसके बाद न्यायालय ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया है. कोर्ट ने दिनांक 18 अक्टूबर तक रिटेन आर्गुमेंट दाखिल करने को कहा है और 27 अक्टूबर को मुकदमे की पोषणीयता पर फैसला भी आ जाएगा.
मालूम हो कि ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने, मुस्लिम पक्ष के प्रवेश पर रोक और एडवोकेट कमीशन सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग आकृति आदिविशेश्वर की तत्काल प्रभाव से प्रतिदिन पूजा-अर्चना प्रारंभ कराने की मांग को लेकर वाराणसी सिविल कोर्ट में दाखिल याचिका पर सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट की अदालत में सुनवाई भी जारी है. जिसपर पोषणीयता का सवाल खड़ा करते हुए मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज की थी और फिर जज महेंद्र कुमार पांडे ने पहले पोषणीयता पर ही सुनवाई शुरू की थी.
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