ज्ञानवापी केस: कार्बन डेटिंग की याचिका खारिज होने के बाद अब हिंदू पक्ष जाएगा सुप्रीम कोर्ट
वाराणसी (Varanasi News) के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Shringar Gauri and Gyanvapi Masjid case) में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग या शीला…
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वाराणसी (Varanasi News) के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Shringar Gauri and Gyanvapi Masjid case) में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग या शीला…
वाराणसी (Varanasi News) के चर्चित श्रृंगार गौरी और ज्ञानवापी मस्जिद मामले (Shringar Gauri and Gyanvapi Masjid case) में वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग या शीला के कार्बन डेटिंग या किसी अन्य वैज्ञानिक पद्धति से जांच वाली हिंदू पक्ष की याचिका को जिला जज ने खारिज करते हुए वादियों को एक बड़ा झटका दिया है.
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इस फैसले से जहां प्रार्थना पत्र देने वाले वकील और वादिनी संख्या-2 से 5 में मायूसी है और फैसले को चुनौती देने के लिए वह सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान किया है, तो वहीं मुस्लिम पक्ष में खुशी का माहौल है और उन्होंने फैसले से संतुष्टि जाहिर की है.
वाराणसी के जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश ने कार्बन डेटिंग वाली हिंदू पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट के 17 मई के आदेश का हवाला देते हुए कहा, “सैंपल लेने में अगर कथित शिवलिंग को क्षति पहुंचती है तो वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना होगी. कथित शिवलिंग को क्षति पहुंचने पर आम जनमानस की धार्मिक भावनाओं को भी चोंट पहुंच सकती है. ASI के सर्वे का आदेश देना उचित नहीं होगा और ऐसा आदेश देने से कथित शिवलिंग की आयु , प्रकृति और संरचना का पता चल जाए, इसके भी न्यायपूर्ण समाधान की संभावना प्रतीक नहीं होती है.”
जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत के इस फैसले के बाद कोर्ट रूम से बाहर निकलने पर वादिनी संख्या 2 से 5 के वकील विष्णूशंकर जैन ने फैसले पर असंतोष जताते हुए बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में सारी शक्ति निचली अदालत को दे दिया है तो भी निचली अदालत ने फैसला ना देते हुए उनके प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे.
वहीं मामले में दूसरे हिंदू पक्ष यानी राखी सिंह के वकील अनुपम द्विवेदी ने बताया कि उनकी तरफ से कभी भी कथित शिवलिंग के परीक्षण को लेकर कोई आपत्ति नहीं की गई थी, बल्कि कथित शिवलिंग को किसी तरह की क्षति न पहुंचाने की आपत्ति की गई थी.
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इस पूरे मामले पर मुस्लिम पक्ष अंजुमन इंतजामियां मसाजिद कमेटी के वकील तौहिद खान ने कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए विश्वास जताया और बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए आम जनमानस की भावना का ध्यान रखते हुए कोर्ट का फैसला उनको पूरी तरह से मान्य है.
इस मामले से जुड़ी वीडियो रिपोर्ट को खबर की शुरुआत में शेयर किए गए Varanasi Tak के वीडियो पर क्लिक कर देखें.
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