कौन है कादिर जिसे पकड़ने गई पुलिस पर ही चला दी गई गोली और कॉन्स्टेबल सौरभ की हुई मौत?
UP News: गाजियाबाद के नाहल गांव में पुलिस पर फायरिंग, लूट के आरोपी कादिर की गिरफ्तारी के दौरान सिपाही सौरभ की गोली लगने से मौत.
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Ghaziabad News: गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र में बीती रात हुई एक सनसनीखेज मुठभेड़ ने पूरे उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे को झकझोर कर रख दिया. यह मुठभेड़ किसी गैंगवार या अचानक हुए झगड़े का परिणाम नहीं थी, बल्कि एक ऐसे अपराधी की गिरफ्तारी के दौरान हुई, जो पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर है और लूट के कई संगीन मामलों में वांटेड था. उसका नाम है कादिर उर्फ मंटा. बताया जा रहा है कि पुलिस को जानकारी मिली थी कि कादिर गाजियाबाद के नाहल गांव में अपने आलीशान मकान में छिपा बैठा है.
पुलिस ने जब कादिर को पकड़ा तो क्या हुआ?
रविवार की देर रात नोएडा के फेस-3 थाने की पुलिस को पुख्ता सूचना मिली कि कादिर इस वक्त अपने गांव में मौजूद है. जैसे ही सूचना की पुष्टि हुई, पुलिस की एक टीम रात करीब साढ़े 12 बजे गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र स्थित नाहल गांव पहुंची. टीम ने बारीकी से योजना बनाकर कादिर के घर पर दबिश दी और उसे हिरासत में ले लिया.
हालांकि, यह गिरफ्तारी इतनी आसान नहीं थी. पुलिस के अनुसार जैसे ही टीम कादिर को लेकर गांव से बाहर निकल रही थी, उसने अचानक शोर मचाना शुरू कर दिया—"मुझे पकड़ लिया गया है, मुझे पकड़ लिया गया है!". यह शोर सुनकर गांव के पंचायत भवन के पास पहले से घात लगाए बैठे उसके आठ-दस साथी सक्रिय हो गए. उन्होंने पुलिस टीम पर एकाएक पथराव शुरू कर दिया.
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सीधे कॉन्स्टेबल सौरभ के सिर में लगी गोली
पुलिस टीम अभी हालात को समझने की कोशिश ही कर रही थी कि पथराव के बीच फायरिंग भी शुरू हो गई. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, लेकिन तभी एक गोली सीधे कॉन्स्टेबल सौरभ कुमार के सिर में आकर लगी. गोली लगते ही सौरभ वहीं गिर पड़े. टीम के अन्य जवानों ने स्थिति को किसी तरह संभाला और सौरभ को आनन-फानन में गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल ले जाया गया. मगर तब तक देर हो चुकी थी. डॉक्टरों ने सौरभ को मृत घोषित कर दिया.
कॉन्स्टेबल सौरभ मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली जिले के रहने वाले थे और नोएडा के फेस-3 थाने में तैनात थे. अब बात करते हैं उस अपराधी कादिर की, जिसकी वजह से यह सब हुआ. पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक कादिर उर्फ मंटा एक कुख्यात अपराधी है, जो लूट, रंगदारी और हथियारों की तस्करी जैसे कई गंभीर मामलों में वांटेड चल रहा है.
पुलिस का दावा है कि कादिर ने लूट की रकम से अपने गांव में एक आलीशान कोठी बनवाई है, जिसमें लग्जरी सुख-सुविधाएं तो हैं ही, साथ ही सुरक्षा के लिए बड़े-बड़े CCTV कैमरे भी लगे हैं. उसकी कोठी का मुख्य गेट दो बड़े कैमरों से लैस है, ताकि कोई भी व्यक्ति उसकी जानकारी के बिना वहां न पहुंचे.
घटना के बाद मसूरी थाना पुलिस ने नोएडा के उपनिरीक्षक सचिन की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर ली है. कादिर और उसके साथियों पर हत्या, जानलेवा हमला, पुलिस कार्य में बाधा और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. गाजियाबाद ग्रामीण के डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी के मुताबिक, "पूरे मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है और जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा."