देसी पोर्न बनाने के लिए नोएडा के कपल उज्जवल और नीलू को कहां से मिलती थीं लड़कियां, क्या करते थे शूटिंग?

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Noida Viral News: नोएडा में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव के घर पर छापा मारा. आरोप है कि दोनों ने मॉडल्स के साथ अश्लील वीडियो शूट किए और उन्हें साइप्रस स्थित एक कंपनी को सप्लाई किया, जो अंतरराष्ट्रीय अश्लील साइट्स चलाती है.

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Noida Viral News: उत्तर प्रदेश के नोएडा से एक ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने सभी को हैरान करके रख दिया है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा स्थित एक कपल उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव के घर पर छापा मारा. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने अपने घर पर मॉडल्स के साथ अडल्ट वीडियो शूट किए और उन्हें एक साइप्रस स्थित कंपनी को सप्लाई किया, जो अंतरराष्ट्रीय अश्लील वेबसाइटों के संचालन के लिए जानी जाती है.

आपको बता दें कि उज्जवल किशोर और नीलू श्रीवास्तव ने Subdigi Ventures Private Limited नमक कंपनी बनाई और इसी के जरिए सारा कांड किया. आरोप है कि दोनों ने अपने घर पर पोर्न वीडियो शूट कर साइप्रस स्थित Technius Limited नामक कंपनी के साथ साझा किया. ED के अनुसार, Technius Limited, Xhamster और Stripchat जैसी पोर्न वेबसाइटों का ऑपरेटर है. 

ED ने बताया, "Subdigi Ventures और इसके निदेशकों के खातों में नियमित रूप से विदेशी रेमिटेंस सेवाओं जैसे विज्ञापन, मार्केट रिसर्च और जनमत सर्वे के रूप में प्राप्त की जा रही थीं. " हालांकि, इन फंड्स को कथित तौर पर Xhamster पर स्ट्रीम किए गए अडल्ट कंटेंट से प्राप्त आय माना जा रहा है. ED सूत्रों का कहना है, यह मामला FEMA के उल्लंघन का है क्योंकि ये फंड्स अडल्ट कंटेंट सेवा के भुगतान के रूप में प्राप्त किए जा रहे हैं, जो कि अवैध है. 

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उज्जवल और नीलू को कहां से मिलती थीं लड़कियां?

ED के सूत्रों अनुसार, सोशल मीडिया पर यह कपल मॉडलिंग में करियर बनाने की चाह रखने वाली लड़कियों को झांसे में लेता था. विज्ञापन देकर मॉडल्स की भर्ती की जाती थी और उन्हें मोटी कमाई का लालच देकर पोर्न कारोबार में धकेला जाता था. एडल्ट वीडियो से होने वाली कमाई का 25% हिस्सा मॉडल्स को दिया जाता था. 

जांच में पाया गया है कि उपरोक्त कंपनी और इसके निदेशकों के बैंक खातों में कुल 15.66 करोड़ रुपये की अवैध रेमिटेंस की गई हैं, साथ ही नीदरलैंड्स में एक "अनडिस्क्लोज़्ड" बैंक खाता भी मिला, जिसमें Technius Limited द्वारा लगभग 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. विदेशी बैंक खाते में प्राप्त क्रेडिट्स को अंतरराष्ट्रीय डेबिट कार्ड्स के माध्यम से भारत में नकद में निकाला गया.

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