यूपी और UNDP के बीच बिग अग्रीमेंट! 75 जिलों, 15 विभागों और 20 टॉप शहरों के संभावित खतरों से निपटने पर काम शुरू
उत्तर प्रदेश सरकार और UNDP के बीच आपदा जोखिम न्यूनीकरण पर 19.99 करोड़ का समझौता हुआ. 75 जिलों और 20 प्रमुख शहरों में आपदा प्रबंधन योजनाएं विकसित होंगी. CM योगी ने इसे 'अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता' बताया. जानें पूरा प्लान.
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उत्तर प्रदेश सरकार ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण (Disaster Risk Reduction) के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में यूपी के राहत आयुक्त कार्यालय और संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इस समझौते का उद्देश्य राज्य में आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी, वैज्ञानिक और सशक्त बनाना है. ऐसा इसलिए कि प्रदेश के सभी 75 जिलों और 20 प्रमुख शहरों को संभावित खतरों से निपटने के लिए तैयार किया जा सके.
19.99 करोड़ का मेगा प्लान: अगले तीन साल में होगा लागू
यह समझौता उत्तर प्रदेश में आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रमों को लागू करने और राज्य की संस्थागत क्षमता को मजबूत करने की दिशा में एक नई शुरुआत है. इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अगले तीन वर्षों में कुल 19.99 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है. यह पैसा चरणबद्ध तरीके से खर्च की जाएगी. यूएनडीपी की ओर से प्रस्तुत तकनीकी प्रस्तावों के हिसाब से इसका क्रियान्वयन होगा. यह साझेदारी राज्य को आपदा न्यूनीकरण के वैश्विक मानकों से जोड़ेगी और स्थानीय जरूरतों के अनुरूप समाधान विकसित करने में मदद करेगी.
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सीएम योगी का विजन: आपदा प्रबंधन अब अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि आपदा प्रबंधन अब केवल एक चुनौती नहीं, बल्कि आज के समय की एक अनिवार्य प्रशासनिक प्राथमिकता है. उन्होंने जोर दिया कि तकनीकी दक्षता, प्रशिक्षण और पूर्व तैयारी के समन्वय से ही हम आपदा के प्रभाव को कम कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह साझेदारी राज्य की आपदा प्रबंधन क्षमता को विश्वस्तरीय बनाएगी और शासन-प्रशासन को वैज्ञानिक ढंग से निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी. उनका मानना है कि यह प्रयास उत्तर प्रदेश के आपदा न्यूनीकरण प्रयासों को नई दिशा देगा और प्रदेश को इस क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल करेगा.
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समझौते के मुख्य बिंदु: क्या-क्या होगा इस मेगा प्लान में?
इस ऐतिहासिक समझौते के तहत कई महत्वपूर्ण पहलें की जाएंगी, जो राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करेंगी:
- व्यापक योजनाएं: प्रदेश के सभी 75 जिलों में जिला आपदा प्रबंधन योजनाएं और 15 विभागों की विभागीय आपदा प्रबंधन योजनाएं विकसित की जाएंगी.
- शहरी तैयारी: राज्य के 20 प्रमुख शहरों में संभावित आपदाओं को ध्यान में रखते हुए जोखिम और संवेदनशीलता का मूल्यांकन किया जाएगा. इन्हीं शहरों में विशेष शहरी आपदा प्रबंधन योजनाएं भी विकसित होंगी.
- तकनीकी सुदृढ़ीकरण: राज्य स्तर की आपदा सूचना प्रणाली को मजबूत और एकीकृत किया जाएगा.
- प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण: इसके लिए प्रशिक्षण कार्यशालाएं, मूल्यांकन अध्ययन और आवश्यक आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी.
- परियोजना प्रबंधन इकाई (PMU): राहत आयुक्त कार्यालय में एक परियोजना प्रबंधन यूनिट की स्थापना की जाएगी, ताकि सभी गतिविधियां सुगठित और प्रभावशाली ढंग से संचालित हो सकें.
- विस्तृत परियोजना रिपोर्ट: राज्य के 10 विभागों के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन (DPR) तैयार किए जाएंगे.
यूएनडीपी की भारत प्रमुख ने सीएम योगी से की मुलाकात
यूएनडीपी की भारत प्रमुख और रेजिडेंट रिप्रेजेंटेटिव एंजेला लुसीगी ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार की आपदा प्रबंधन के प्रति प्रतिबद्धता और दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की. लुसीगी ने यूएनडीपी की ओर से राज्य को हरसंभव तकनीकी सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया. उन्होंने यह भी बताया कि यूएनडीपी तकनीकी सहायता के साथ-साथ नीति निर्माण, योजना विकास और जमीनी कार्यान्वयन तक हर स्तर पर उत्तर प्रदेश सरकार के साथ सहयोग करेगा.
यह समझौता राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) की सिफारिशों के अनुरूप है. NDMA ने यूएनडीपी को इस क्षेत्र में तकनीकी सहयोग के लिए अधिकृत किया है.