UP Weather Update: 4 जून को यूपी में कई जगह होगी बारिश, इन 15 जिलों में आंधी-तूफान का अलर्ट जारी
UP ka Mausam: उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार 4 जून को प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश की पूरी संभावना है.
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UP Weather Update: उत्तर प्रदेश में मौसम एक बार फिर करवट लेने वाला है. मौसम विभाग के अनुसार 4 जून को प्रदेश के पश्चिमी और पूर्वी हिस्सों में तेज आंधी, गरज-चमक और बारिश की पूरी संभावना है. इस दौरान 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से झोंकेदार हवाएं चल सकती हैं. वहीं कुछ स्थानों पर मौसम की तीव्रता और अधिक हो सकती है. इससे तापमान में 2-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी.
आज कहां होगी बारिश
मौसम विभाग की मानें तो बुधवार को को बांदा, चित्रकूट, बलिया, कौशाम्बी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, संतरविदास नगर, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, कानपुर देहात और कानपुर नगर में 50 से 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवा चल सकती है. वहीं, लखनऊ में तो सुबह से ही बारिश जैसे हालात बने हैं. इससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. लोगों को ठंडी हवा ने भीषण गर्मी से राहत दी है.
हालांकि 5 जून से प्रदेश में मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा. इसके बाद तापमान में तेजी से बढ़ोतरी होने की संभावना है, जिससे गर्मी का प्रकोप एक बार फिर बढ़ सकता है. लोगों को सलाह दी जाती है कि वे इस अल्पकालिक राहत का लाभ उठाएं और उसके बाद फिर से बढ़ती गर्मी के लिए तैयार रहें.
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पाकिस्तान से हरियाणा तक फैले सिस्टम का असर
उत्तर प्रदेश के पश्चिमी और दक्षिणी इलाकों में पिछले कुछ दिनों से गरज-चमक के साथ जो रुक-रुक कर बारिश हो रही है, उसके पीछे एक जटिल मौसमी तंत्र काम कर रहा है. मौसम विभाग के अनुसार, इस बारिश की मुख्य वजह निचले वायुमंडल में मध्य पाकिस्तान पर बना एक चक्रवाती परिसंचरण है. यह चक्रवाती परिसंचरण हवाओं को अपनी ओर खींचता है, जिससे एक द्रोणी (ट्रफ लाइन) हरियाणा तक फैल गई है.
यह द्रोणी अरब सागर से नमी वाली हवाओं को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के इलाकों तक ला रही है. इन नमी वाली हवाओं का मिलन उत्तरी पाकिस्तान पर से आगे बढ़ रहे एक पश्चिमी विक्षोभ से हो रहा है. जब ये तीनों मौसमी घटक- चक्रवाती परिसंचरण, ट्रफ लाइन और पश्चिमी विक्षोभ आपस में मिलते हैं, तो इनके परिणामस्वरूप गरज-चमक के साथ छिटपुट बारिश होने लगती है.