नेहा सिंह राठौर से इलाहाबाद हॉस्टल कांड पूछ रहे थे ट्रोलर्स फिर भोजपुरी गायिका ने किया ये काम
नेहा सिंह राठौर लगातार चर्चाओं में बनी हुई हैं. वह भाजपा पर लगातार निशाने साध रही हैं. इसी बीच उन्हें इलाहाबाद हॉस्टल कांड को लेकर लगातार ट्रोल किया जा रहा है. अब नेहा ने खुद आकर इस कांड की सच्चाई बताई है.
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UP News: ‘यूपी में का बा’ फेम लोकगायिका नेहा सिंह राठौर इन दिनों सरकार पर काफी हमलावर हैं. वह चुन-चुन कर सरकार की नीतियों पर सवाल उठा रही हैं. भोजपुरी में अश्लील गानों का मुद्दा उठाकर नेहा ने पिछले दिनों से भाजपा की तरफ से टिकट पाने वाले कुछ भोजपुरी गायकों को भी निशाने पर ले रखा है. इसी बीच नेहा सिंह राठौर खुद भी ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं. पिछले कुछ दिनों से नेहा को ‘इलाहाबाद हॉस्टल कांड’ को लेकर ट्रोल किया जा रहा है. उनपर लगातार आपत्तिजनक कमेंट किए जा रहे हैं. ट्रोलर्स लगातार मनगढ़ंत हॉस्टल कांड को लेकर उनसे सवाल पूछ रहे हैं और उनके खिलाफ कमेंट कर रहे हैं. अब नेहा सिंह राठौर ने ट्रोलर्स को मुंहतोड़ जवाब दिया है.
नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट करके काफी कुछ लिखा है और कथित हॉस्टल कांड पर कड़ा जवाब दिया है.
मनगढ़ंत हॉस्टल कांड को लेकर क्या बोलीं नेहा सिंह राठौर
सबसे पहले नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया X पर ट्वीट किया और भाजपा को निशाने पर लिया. उन्होंने लिखा, ‘हॉस्टल कांड’ की सच्चाई जान लीजिए. मोदीजी के तथाकथित परिवार के पास मेरे सवालों का कोई जवाब नहीं है तो ज़ाहिर है गालियाँ ही देंगे. जैसा परिवार वैसे संस्कार. पहले मेरे नाम के साथ एक पोर्नस्टर का नाम ट्रेंड करवाया, अब एक मनगढ़ंत और काल्पनिक ‘हॉस्टल कांड’ की अफ़वाह उड़ा रहे हैं. लड़कियों के चरित्र पर सवाल उठाकर उनका मनोबल तोड़ने का ये तरीक़ा सदियों पुराना है. पर मेरा मनोबल तोड़ना इनके वश की बात नहीं है.’
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इसके बाद नेहा सिंह राठौर ने लिखा, राष्ट्रीय महिला आयोग और स्मृति ईरानी के लिए कंगना रानौत देश की इकलौती बेटी हैं तो इनके मुंह में दही जमा हुआ है. ख़ैर, ये रहा हॉस्टल कांड. पूरा पढ़ियेगा.
हॉस्टल कांड को लेकर ये बताया
इसके बाद नेहा ने सोशल मीडिया X पर होस्टल कांड को लेकर पूरी एक कहानी सुनाई और इस बहाने से भी भाजपा पर खूब तंज कसे. उन्होंने हॉस्टल कांड बताते हुए बताया, ‘अब जब सभी को मेरे हॉस्टल कांड की भनक लग ही चुकी है तो आप भी इसे पूरा जान लीजिए. दोस्तों, ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई घर से पूरी करने के बाद मैं अपने पोस्ट-ग्रेजुएशन के लिए हॉस्टल जाने ही वाली थी कि उसी दौरान तिवारी जी का “बबुनी के लागल बा शहर के हवा अउरी पढ़ावा” गाना मशहूर हो गया. मेरी माताजी डर गयीं और पैसों की कमी का बहाना बनाकर मुझे हॉस्टल नहीं जाने दिया.’
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नेहा ने आगे कहा, ‘ग़ुस्से में मैंने इस महिला-शिक्षा-विरोधी गीत के गायक के पोस्टर पर भरी-दोपहरी कालिख पोत दी. अगले साल जब मैंने दोबारा हॉस्टल जाकर पोस्ट ग्रेजुएशन करने की बात कही तो माताजी ने कहा कि बचिया धीरज धरो, 15 लाख खाते में आने ही वाले हैं, जब आयेंगे तब चली जाना हॉस्टल. पर रुपये नहीं आए. तब इस 15 लाख वाले झूठ के लिये ज़िम्मेदार दढ़ियल बाबा के पोस्टर को मैंने भरी दोपहरी चप्पलों से तब तक पीटा जब तक मेरी चप्पल टूट नहीं गई.’
नेहा ने आगे बताया, तीसरे साल जब मैंने आगे की पढ़ाई लिए भाई से जिद की तो उसने बताया कि वो फ़ौजी बनने जा रहा है. अब पोस्ट ग्रेजुएशन तो क्या पीएचडी भी करवा देगा.
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पर दोस्तों, वो फ़ौजी बनते-बनते अग्निवीर बन कर रह गया और उसने बताया कि उसकी नौकरी PHD से भी छोटी है. ये सुनते ही मैं चप्पल उठाकर दीवार की ओर फिर से बढ़ ही रही थी कि तभी बाबूजी आ गये और बोले, धान रोप देले बानी बचिया…मोदीजी ने कहा है आमदनी दुगुनी होने ही वाली है, फिर चली जाना हॉस्टल. मैं फिर से रुक गई. पर गाइज़, उस साल धान की फसल साँड़ चर गए.
नेहा ने आगे लिखा- 'अंत में थक-हारकर मैंने अपने व्यापारी मामाजी से फ़ोन पर कहा कि वो मुझे आगे की पढ़ाई के लिए हॉस्टल भेज दें, पर उन्होंने रुआंसे होकर बताया कि दो गुजरातियों ने उनको इलेक्टोरल बॉन्ड ख़रीदकर पार्टी फंड में जमा कराने को कहा है. वो मेरी मदद नहीं कर पायेंगे. उस दिन मैंने गांव की चट्टी पर चिल्ला-चिल्लाकर गांव-जवार को इकट्ठा कर लिया और सबके साथ मिलकर नारा लगाया कि चौकीदार ही चोर है. उसी दिन से ये घटना मेरे गांव-जवार में नेहा हॉस्टल कांड के नाम से मशहूर हो गई.'
यूपी में का बा से चर्चाओं में आई थी नेहा
आपको बता दें कि नेहा सिंह राठौर ने विधानसभा चुनाव 2022 से पहले 'यूपी में का बा' गाया था. इसके बाद से वह अचानक सुर्खियों में आ गई थीं. इसके बाद नेहा ने भाजपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कई 'यूपी में का बा-2' भी गाया. वह अक्सर भाजपा को घेरती रहती हैं. नेहा सिंह राठौर के 'का बा' पर खुद सीएम योगी ने विधानसभा में जवाब दिया था. उन्होंने कहा था, 'यूपी में सिर्फ बाबा'.
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