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किसान पाठशाला का 8वां संस्करण, सीएम योगी ने पद्मश्री किसान को सम्मानित कर कही ये बात

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाराबंकी में ‘प्रगतिशील किसान सम्मेलन एवं किसान पाठशाला’ के 8वें संस्करण का शुभारंभ किया. उन्होंने किसानों को आधुनिक तकनीक, एमएसपी, फसल बीमा, गन्ना भुगतान, ODOP योजना, SHG और ड्रोन जैसी सुविधाओं से जोड़ने और कृषि उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया.

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उत्तर प्रदेश में खेती को केवल नीति और कागजों तक सीमित न रखते हुए सरकार अब उसे सीधे खेतों तक ले जाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है. इसी सोच को मजबूत करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसानों के हित की योजनाएं अब लखनऊ के सचिवालय में बैठकर नहीं, बल्कि किसान के खेत में जाकर लागू की जाएंगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अन्नदाता किसान की प्रगति ही प्रदेश और देश की प्रगति का आधार है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनपद बाराबंकी में आयोजित ‘प्रगतिशील किसान सम्मेलन खेती की बात खेत पर एवं किसान पाठशाला’ के 8वें संस्करण के शुभारंभ अवसर पर किसानों को संबोधित कर रहे थे.  

पद्मश्री किसान राम सरन वर्मा समेत कई किसानों का सम्मान

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने पद्मश्री से सम्मानित प्रगतिशील किसान राम सरन वर्मा और अन्य किसानों को सम्मानित किया. उन्होंने विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को प्रशस्ति पत्र और प्रमाण  पत्र भी वितरत किए. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने विभागीय  प्रदर्शनियों का अवलोकन किया, किसानों से संवाद किया और खेतों का निरीक्षण भी किया. 

डबल इंजन सरकार किसानों के लिए प्रतिबद्ध- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार किसानों को हर जरूरी सुविधा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद आज कृषि उत्पादन में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है.

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उन्होंने कहा कि प्रदेश के पास देश  की कुल कृषि योग्य भूमि का कवल 11 प्रतिशत हिस्सा है लेकिन इसके बावजूद यह राज्य 21 प्रतिशत खाद्यान्न की आपूर्ति करता है. यह सब संभव हुआ है क्योंकि किसानों को बीज से लेकर बाजार तक की सुविधा दी जा रही है.

एमएसपी, फसल बीमा और गन्ना भुगतान में ऐतिहासिक काम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश के किसानों को पिछले आठ सालों से लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का लाभ दिया जा रहा है. बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी गई है जिससे किसान अब सीधे क्रय केंद्रों पर अपनी उपज बेच पा रहे हैं.  उन्होंने बताया कि किसानों को स्वायल हेल्थ कार्ड और फसल बीमा योजना की सुविधा मिल रही है वहीं गन्ना मूल्य भुगतान अब तक के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुका है. साथ ही सिंचाई के लिए नहरों, पाइपलाइनों, माइक्रो इरिगेशन और सोलर पंप जैसी आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं, जिससे खेती अधिक लाभकारी बन रही है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये भी कहा कि प्रदेश में किसानों को लगातार आधुनिक तकनीक से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने बताया कि ODOP योजना, स्वयं सहायता समूह (SHG), बीसी सखी और ड्रोन दीदियां जैसी पहलें ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार और स्थानीय उद्यम को मजबूत कर रही हैं. इसके साथ ही खेती को अधिक टिकाऊ और लाभकारी बनाने के लिए खरपतवार नियंत्रण, स्वायल टेस्टिंग और प्राकृतिक खेती पर विशेष फोकस किया जा रहा है.

फूड प्रोसेसिंग से लेकर एथेनॉल तक, यूपी नंबर वन

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अनुसार उत्तर प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग, कोल्ड स्टोरेज, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल मंडी के विस्तार से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं. एक्सप्रेसवे और लॉजिस्टिक्स पार्क के माध्यम से अब किसानों की उपज आसानी से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में एथेनॉल उत्पादन 41 करोड़ लीटर से बढ़कर 182 करोड़ लीटर हो गया है, जिससे उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है. साथ ही आलू, केला, बागवानी और ऑर्गेनिक फसलों के उत्पादन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है और फल व सब्जी उत्पादन के मामले में प्रदेश अब देश में नंबर एक बन चुका है.

यूपी एग्रीज परियोजना से 28 जिलों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि विश्व बैंक के सहयोग से उत्तर प्रदेश में यूपी एग्रीज (UP AGRIS) परियोजना की शुरुआत की गई है. इस परियोजना के तहत प्रदेश के कम कृषि विकास वाले 28 जिलों को 4,000 करोड़ रुपये की लागत से छह सालों के लिए जोड़ा जाएगा. इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश और बुंदेलखंड के जिले शामिल हैं. मख्यमंत्री ने कहा कि बाराबंकी पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रवेश द्वार है और इस क्षेत्र के कृषि विकास में यह परियोजना अहम भूमिका निभाएगी .  

कार्यक्रम में कई मंत्री और गणमान्य लोग रहे मौजूद

इस मौके पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, कृषि राज्य मंत्री बलदेव सिंह ओलख, खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री सतीश चंद्र शर्मा, कारागार राज्य मंत्री सुरेश राही सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे. कार्यक्रम में कृषि विकास पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गई.

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