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शाहजहांपुर के जलालाबाद का नया नाम अब परशुरामपुरी होगा! गृहमंत्रालय से यूपी सरकार को मिला 'नो ऑब्जेक्शन'

यूपी तक

शाहजहांपुर के जलालाबाद का नाम बदलकर अब परशुरामपुरी कर दिया गया है. जानें, गृह मंत्रालय की मंजूरी से लेकर जितिन प्रसाद के एक्स पोस्ट तक, इस बड़े फैसले की पूरी जानकारी.

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Jalalabad, Parashurampuri
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लगता है उत्तर प्रदेश में एक बार फिर नाम बदलने की सियासत जोर पकड़ने वाली है. इसके आसार दिखे हैं यूपी के शाहजहांपुर में जहां के ऐतिहासिक कस्बे जलालाबाद का नाम बदलकर अब 'परशुरामपुरी' किया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस नाम परिवर्तन को अपनी मंजूरी दे दी है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस संबंध में यूपी सरकार को एक 'नो ऑब्जेक्शन' लेटर भी जारी कर दिया है. इसके बाद अब इस नाम को आधिकारिक रूप से लागू करने का रास्ता साफ हो गया है.

केंद्र सरकार के कैबिनेट मंत्री जितिन प्रसाद ने इस नाम परिवर्तन के लिए गृह मंत्री अमित शाह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इस फैसले को 'संपूर्ण सनातनी समाज के लिए गर्व का क्षण' बता दिया. जितिन प्रसाद ने इसे भगवान परशुराम जी की कृपा बताया. 

गृह मंत्रालय के पत्र में क्या है?

गृह मंत्रालय से यूपी सरकार के मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि भारत सरकार को शाहजहांपुर जिले में स्थित जलालाबाद शहर का नाम बदलकर 'परशुरामपुरी' करने पर कोई आपत्ति नहीं है. यह पत्र यूपी सरकार के 27 जून 2025 के प्रस्ताव के जवाब में भेजा गया है. पत्र में यूपी सरकार से कहा गया है कि वह 'परशुरामपुरी' के नए नाम की वर्तनी (देवनागरी और रोमन लिपि में) के साथ एक गजट अधिसूचना जारी करे.  

इस अधिसूचना के बाद यूपी सरकार को इसकी प्रतियां सर्वेयर जनरल के कार्यालय, सर्वे ऑफ इंडिया और अन्य संबंधित मंत्रालयों जैसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, संचार और आईटी मंत्रालय और रेल मंत्रालय को भी भेजनी होंगी. ऐसा इसलिए ताकि सभी सरकारी रिकॉर्ड्स में नया नाम दर्ज किया जा सके. इस प्रक्रिया के पूरा होने के बाद, जलालाबाद आधिकारिक तौर पर 'परशुरामपुरी' के नाम से जाना जाएगा.

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क्यों बदला गया जलालाबाद का नाम?

सबसे पहले हम आपको यह बताते हैं कि जलालाबाद का नाम जलालाबाद कैसे पड़ा? मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जलालाबाद का नाम 16वीं शताब्दी के अंतिम दशक में मुगल शासक जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर के सम्मान में रखा गया था. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, जलालाबाद भगवान परशुराम की जन्मस्थली है. वहां भगवान परशुराम का काफी पुराना ऐतिहासिक मंदिर भी है. इसलिए जलालाबाद का नाम परशुरामपुरी रखे जाने की मांग की जाती रही थी. ऐसे में अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यूपी सरकार के इस प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी है. शाहजहांपुर की जलालाबाद तहसील अब परशुरामपुरी के नाम से जानी जाएगी.

वैसे भी यूपी में नाम बदलने की सियासत लंबे समय से चली आ रही है. मायावती, अखिलेश यादव सरकार के बाद योगी सरकार में भी खूब नाम बदले गए. यूपी में बीजेपी सरकार के दौरान बदले गए नामों पर नजर डालें, तो इसमें इलाहाबाद को प्रयागराज करना, मुगलसराय जंक्शन को दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और फैजाबाद जिले को अयोध्या का नाम देने जैसी कवायद शामिल है.
 

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