कोर्ट ने सजा सुनाते हुए मुख्तार के भाई अफजाल को सुनाई प्रेमचंद की कहानी ‘बड़े भाई साहब’
Uttar Pradesh News: कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के पुराने मामले में पूर्व विधायक और बाहुबली मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा…
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Uttar Pradesh News: कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के पुराने मामले में पूर्व विधायक और बाहुबली मुख्तार को 10 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा उनके बड़े भाई बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई गई है. मुख्तार (Mukhtar Ansari) पर 5 लाख और अफजाल पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट ने जब दोनों भाइयों को सजा सुनाई, तो उस दौरान सांसद अफजाल अंसारी को प्रेमचंद की एक प्रसिद्ध कहानी ‘बड़े भाई साहब’ भी सुनाई.
आपको बता दें कि 4 साल की सजा पाने के बाद अफजाल अंसारी की सांसदी भी खतरे में है. अगर उच्च अदालत सजा रोक नहीं लगाती तो अफजाल को अपनी सांसद सदस्यता से हाथ भी धोना पड़ सकता है. इस बीच यूपी तक ने आज कोर्ट में हुई सारी गतिविधियों और दोनों भाइयों से जुड़े केस के संबंध में एडीजीसी क्रिमिनल गाजीपुर नीरज श्रीवास्तव से बात की.
जब सुनाई गई मुंशी प्रेमचंद की कहानी
जानकारी के मुताबिक कोर्ट में आज सुनवाई के दौरान अफजाल अंसारी को मुंशी प्रेमचंद की कहानी बड़े भाई साहब सुनाई गई. कोर्ट ने कहा कि जिस समय मुख्तार अंसारी पहला अपराध किया उस समय उसकी उम्र 19 साल थी. उस समय अफजाल अंसारी अगर अपने बड़े भाई का धर्म निभाते, छोटे भाई पर अंकुश लगाते, तो मुख्तार अंसारी अपराधी नहीं बनता.
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जानिए इस गैंगस्टर केस की पूरी डिटेल
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज हुए थे. 1051/2007, मुख्तार अंसारी पर दर्ज हुआ था. इसमें बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड और कोयला व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण हत्याकांड को दिखाया गया था. गाजीपुर के एमपी/एमएलए कोर्ट ने इसपर मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और ₹500000 का जुर्माना लगाया.
1052/2007, इसमें अफजाल अंसारी पर गैंगस्टर एक्ट का केस दर्ज था. इसमें अफजाल अंसारी को सिर्फ कृष्णानंद राय हत्याकांड में साजिश रचने का आरोपी बनाया गया था. इस केस में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को 4 साल की जेल और ₹1लाख का जुर्माना लगाया.
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क्या 10 साल की सजा काट चुका मुख्तार?
आपको बता दें कि मुख्तार अंसारी अक्टूबर 2005 से जेल में बंद है. गाजीपुर के ADGC क्रिमिनल नीरज श्रीवास्तव का कहना है कि कानूनी तौर पर जब किसी जेल में बंद अपराधी को सजा सुनाई जाती है तो उसकी सजा के वक्त में वह टाइम कम कर दिया जाता है, जो उसने उस अपराध में वारंट B बनने के बाद जेल में काटा हो. अब यह देखना होगा कि मुख्तार अंसारी के साल 2007 के इस गैंगस्टर के केस में कब वारंट बना था और मुख्तार अंसारी ने कब इस केस में जमानत करवाई थी. अगर मुख्तार अंसारी ने इस केस में बेल नहीं करवाई, तो 10 साल की सजा मुख्तार अंसारी पूरी कर चुका है.
अगर मुख्तार अंसारी ने इस केस में कोर्ट से जमानत ले ली है, तो वह वक्त जो इससे केस में वारंट बनने से लेकर जमानत लेने तक का होगा वो मुख्तार अंसारी की सजा में कम किया जाएगा. यही हाल अफजाल अंसारी को मिली 4 साल की सजा में होगा. देखा जाएगा कि अफजाल अंसारी इस केस में कितने दिन जेल में रहे. जेल में रहने का वक्त आज मिली 4 साल की सजा में कम कर दिया जाएगा.
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