सहारनपुर के अलग-अलग वॉर्ड्स में कितने % भर लिए गए हैं फॉर्म, SIR के लिए ग्राउंड पर जुटे BLO's ने बता डाली परेशानी
उत्तर प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया अंतिम चरण में है और सहारनपुर के जेवी जैन डिग्री कॉलेज में बीएलओ फॉर्मों की अंतिम जांच कर रहे हैं. इस दौरान डबल सिग्नेचर, परिवार के सदस्यों द्वारा साइन और दूरस्थ क्षेत्रों के मतदाताओं के फॉर्म जैसी समस्याओं को देखा जा रहा है.
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उत्तर प्रदेश में चल रहा SIR यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान तेजी से चल रहा है. बीएलओ दिन-रात SIR अभियान में जुटे हुए हैं. SIR प्रकिया को पूरा करने की डेडलाइन 4 दिसंबर थी. हालांकि इसे बढ़ाकर 11 दिसंबर कर दिया गया. क्योंकि कम समय में इस प्रक्रिया को पूरा करना BLO के लिए चुनौती का सामना करना पड़ रहा था. इस बीच मुख्य चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर एक बार फिर से SIR प्रक्रिया की तारीख को 14 दिन और बढ़ाने की मांग की गई है. इन सभी चर्चाओं के बीच यूपी Tak की टीम सहारनपुर के जेवी जैन डिग्री कॉलेज पहुंचीजहां एसआईआर प्रक्रिया लगभग अंतिम चरण पर है. यहां हर वार्ड के बीएलओ अपने-अपने फॉर्म की फाइनल चेकिंग कर रहे हैं. इस दौरान फॉर्म में डबल सिग्नेचर, परिवार के अन्य सदस्य द्वारा साइन और दूर-दराज क्षेत्रों में रहने वाले मतदाताओं के फॉर्म जैसी विभिन्न चीजों की भी बारीकी से जांच की जा रही है.
बीएलओ कर रहे फॉर्म की अंतिम जांच
यूपी Tak की टीम से बातचीत में राम कुमार ने बताया कि वह बीएलओ नहीं हैं बल्कि 382 नंबर वार्ड की बीएलओ रेखा के सहायक के तौर पर कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने घर-घर जाकर फॉर्म दिए फिर खुद लोगों के पास बैठकर उनसे फॉर्म भरवाए हैं.
राम कुमार ने बताया कि ज्यादातर फॉर्म आसानी से भरे गए और वापस आ गए. कुछ मामलों में मतदाता उपस्थित नहीं थे. लेकिन जब उन्हें फोन कर आराम से समझाया गया तब उन्होंने समय पर फ्रॉर्म भर दिया. उन्होंने आगे बताया कि कुल 385 फॉर्म में लगभग 65% फॉर्म पूरी तरह से कंप्लीट हो चुके हैं. बाकी बचे फॉर्म को वे लगातार ट्रेस कर रहे हैं.
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इस दौरान यूपी Tak की टीम ने बीएलओ अमित से भी बात की. अमित ने बताया कि उनके वार्ड में लगभग 80% फॉर्म फिल हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी समस्या 2003 के पुराने डेटा की थी. कई लोगों को यह जानकारी नहीं थी कि उनकी विधानसभा, भाग संख्या और क्रमांक क्या है या उनका वोट किस स्थान पर था. उन्होंने यह भी बताया कि कुछ फॉर्म ऐसे थे जिन्हें घर पर मतदाता नहीं भर पाए. इसलिए उन्हें खुद जाकर फॉर्म भरना पड़ा. उन्होंने बताया कि नेट लिस्ट की मदद से पुराने डेटा को अपडेट किया जा रहा है.
आखिर में यूपी Tak की टीम ने बीएलओ भानु प्रताप से बात की और उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में लगभग 82% फॉर्म पूरी तरह कंप्लीट हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि कुछ मतदाता बाहर पढ़ाई या काम के कारण अनुपस्थित थे. ऐसे मामलों में उनके परिवार के अन्य सदस्य फॉर्म पर साइन कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि फॉर्म पर साइन करने वाले का ब्लड रिलेशन भी दर्ज किया जा रहा है. उदाहरण के तौर पर पिता या माता अपने बच्चे के लिए साइन कर सकते हैं और फॉर्म पर उनके रिश्ते की जानकारी लिखी जाती है.











