ज्ञानवापी विवाद: वजूखाने के सर्वे की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को करेगा सुनवाई

संजय शर्मा

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काशी में ज्ञानवापी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. कोर्ट के आदेश पर सीलबंद किए गए वजूखाने के वैज्ञानिक और तकनीकी सर्वे की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. अर्जी में वजूखाना और आसपास के सील एरिया में एएसआई से ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार सहित अन्य वैज्ञानिक तरीकों से सर्वे करवाने की गुहार लगाई गई है. 

कोर्ट में दाखिल इस याचिका के मुताबिक, ज्ञानवापी की इमारत के नीचे मौजूद 10 तहखानों की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी एएसआई से सर्वेक्षण करवाने की मांग पर भी होगी सुनवाई. ज्ञानवापी में मौजूद जिन खंभों का एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में जिक्र किया है ये पुराने हैं. इन पर प्लास्टर भी किया गया है. उनके सर्वे की मांग पर भी अदालत सुनवाई करेगी. 

चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदी वाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने आइटम 35 के तौर पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद बनाम राखी सिंह और अन्य की अर्जी लगी है. उस दिन विचार 3 बिंदु हैं. अव्वल तो ये कि कई महीनों से वजूखाने के सड़ रहे पानी में मछलियों के मरने से फैली गंदगी की सफाई की अनुमति सुप्रीम कोर्ट ने दी थी. उस पर अमल हो गया या नहीं. दूसरा बिंदु ये कि हिंदू पक्ष के मुकदमे के सुनवाई योग्य न होने की अंजुमन इंतजामिया कमिटी की गुहार और वजूखाने की सील खोल कर उसका भी वैज्ञानिक सर्वे करवाए जाने की मांग. वो भी शिवलिंग जैसी रचना को नुकसान पहुंचाए बिना. 

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अब ये तो पीठ को विचार करना है कि पहले किस बिंदु पर सुनवाई हो. वैसे तो वाराणसी जिला अदालत के आदेश पर व्यासजी के तहखाने में मौजूद देव विग्रहों की पूजा-अर्चना जारी है. उत्सुक दर्शनार्थी भी लगातार आ रहे हैं. काशी विश्वनाथ मंदिर प्रबंधन कमेटी स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर दर्शन का प्रबंध कर रही है. अभी लोग बाहर बने झरोखे से ही तहखाने की झांकी ले रहे हैं. 

वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी को दिए अपने आदेश में हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में  तहखाना में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी. अदालत ने कहा था कि जिला प्रशासन अगले सात दिन में इस संबंध में आवश्यक व्यवस्था करे. कोर्ट के आदेश के बाद पूजा-अर्चना के लिए व्यासजी तहखाने को खोल दिया गया.  काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट की ओर से नामित एक 'पुजारी' द्वारा नियमित अंतराल पर पूजा-अर्चना की जा रही है. 

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