JEE Main परीक्षा के बीच ही यूपी के इन शहरों में बंद हुए FIITJEE के सेंटर्स, IIT की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स फंसे

यूपी तक

उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और वाराणसी के अलावा देश के अलग-अलग शहरों में अचानक FIITJEE के सेंटर्स पर ताले लग गए हैं. बच्चे परेशान हैं कि उनकी तैयारी अधर में लटक गई. पैरेंट्स परेशान हैं कि उनके बच्चों का भविष्य और मेहनत की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये फंस गए.

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FIITJEE News: देश के प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IITs) में एडमिशन के लिए JEE Main (जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम- मेन) चल रही है और इसी बीच तैयारी करने वाले बच्चे बड़ी मुश्किलों में फंस गए हैं. इसकी वजह है IIT की तैयारी करने वाली एक मशहूर कोचिंग इंस्टीट्यूट FIITJEE (Forum For Indian Institute of Technology-Joint Entrance Examination) के सेंटर्स का बीच सेशन में ही धड़ाधड़ बंद होना. उत्तर प्रदेश के नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और वाराणसी के अलावा देश के अलग-अलग शहरों में अचानक FIITJEE के सेंटर्स पर ताले लग गए हैं. बच्चे परेशान हैं कि उनकी तैयारी अधर में लटक गई. पैरेंट्स परेशान हैं कि उनके बच्चों का भविष्य और मेहनत की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये फंस गए. JEE Main 2025 के सेशन-1 के एग्जाम 22 से 30 जनवरी के बीच हो रहे हैं. नोएडा और गाजियाबाद में तो पैरेंट्स और बच्चों ने FIITJEE के बंद सेंटर्स के सामने प्रदर्शन तक किया है. पुलिस को शिकायत दी है लेकिन उनकी मुश्किलें आसान होती नजर नहीं आ रही हैं. 

आइए समझते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ है कि FIITJEE के सेंटरों पर ताला लटकने लगा है. 

क्या है FIITJEE विवाद?

तमाम सपने लिए हजारों छात्र FITJEE पहुंचे थे. इसके लिए उन्होंने लाखों रुपये का भुगतान किया. मगर उन्हें क्या पता था कि उनके साथ धोखा हो जाएगा. दरअसल, कोचिंग इंस्टिट्यूट को अचानक से कई टीचर्स और प्रशासनिक स्टाफ ने छोड़ दिया है. इसी के चलते छात्र और उनके अभिभावकों में नाराजगी का माहौल है. गाजियाबाद और नोएडा में छात्र और उनके परिजनों ने कोचिंग इंस्टीट्यूट का घेराव कर प्रदर्शन भी किया है. 

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क्यों बंद हो रहे FIITJEE सेंटर्स?

आरोप ये है कि FIITJEE ने छात्रों से लाखों रुपये एडवांस फीस पहले ही ले ली थी. मगर अब संस्थान बंद करने की योजना बनाई जा रही है. इसके साथ ही शिक्षकों को उनकी सैलरी नहीं दी गई है. इसलिए कई शिक्षक संस्थान छोड़कर अन्य कोचिंग सेंटर में जा चुके हैं या अपनी खुद की कोचिंग शुरू कर चुके हैं. इसका सीधा असर छात्रों की पढ़ाई पर पड़ रहा है.

पेरेंट्स का कहना है कि FIITJEE ने छात्रों से पूरी फीस वसूली थी, लेकिन अब वे उनके बच्चों का भविष्य अंधेरे में हैं. उनका कहना है कि या तो उनकी फीस वापस की जाए, या फिर कोर्स को पूरा कराया जाए. FIITJEE प्रबंधन द्वारा कोई संतोषजनक जवाब न मिलने के कारण गुस्साए पेरेंट्स ने कई जगहों पर हंगामा किया है. 

फंस गए हजारों अभिभावकों के लाखों रुपये?

यूपी Tak से बातचीत में नोएडा के एक अभिभावक ने कहा, "मेरी बेटी का अप्रेल में सेशन शुरू होना था. उससे पहले ही हमने चार लाख रुपये दे दिए थे. हम लोग इतने परेशान थे कि बेटी ने कहा पापा आप परेशान मत होइए में आगे की पढ़ाई नहीं करूंगी. सबसे ज्यादा गुस्सा मुझे प्रशासन पर आ रहा है. कम से कम यह पूरे देश में डेढ़ से 2 हजार करोड़ रुपये का घोटाला है. प्रशासन हाथ पर हाथ रखके बैठा हुआ है."

'हम बच्चों को लेकर आकाश में क्यों जाएंगे'

वहीं एक अन्य अभिभावक ने कहा, "हमने चार लाख रुपये एडवांस फीस दी है, चार साल के कोर्स के लिए. इनके ऑपरेशंस के लोगों ने हमने मेसेज भेजा कि हमारा इंस्टीट्यूट बंद हो गया है और आप अपने बच्चों को लेकर आकाश में आइए. हमने पैसा FIITJEE को दिया है तो हम बच्चों को लेकर आकाश में क्यों जाएंगे." 

नोएडा-गाजियबाद के अलावा इन शहरों में बंद हुए FIITJEE सेंटर 

आरोप यह है कि FIITJEE ने बच्चों का सिलेबस खत्म नहीं कराया है और एग्जाम अब सिर पर हैं. इस मामले में अभी तक FIITJEE नोएडा की तरफ से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. वहीं, सभी पेरेंट्स ने मिलकर सेक्टर-58 में शिकायत दी है. ऐसा नहीं है कि यह मामला सिर्फ नोएडा या गाजियाबाद से सामने आया है, बल्कि पूरे देश कई कई सेंटर्स का यही हाल है. भोपाल, वाराणसी, दिल्ली, पटना और मेरठ के FIITJEE सेंटर भी बंद हो गए हैं. 

गाजियाबाद में हुई क्या कार्रवाई?

इस मामल में गाजियाबाद के जिला विद्यालय निरीक्षक और डीएम से भी शिकायत की गई. गाजियाबाद जिला विद्यालय निरीक्षक ने जांच में पाया कि इस FIITJEE शाखा का गाजियाबाद में रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया गया था. इसके बाद डीआइओएस धर्मेंद्र शर्मा ने गाजियाबाद के कविनगर थाने में FIITJEE आरडीसी शाखा के प्रबंधकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. हालांकि फिलहाल इस ब्रांच में बच्चों की क्लासेज कराई जा रही है लेकिन यहां आगे की पढ़ाई और बचे सिलेबस को लेकर पेरेंट्स चिंतित हैं.

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