अयोध्या: ‘अक्षत पूजा’ के साथ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अनुष्ठान शुरू
अयोध्या में रविवार को ‘अक्षत पूजा’ के साथ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अनुष्ठान शुरू हो गया.
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अयोध्या में रविवार को ‘अक्षत पूजा’ के साथ राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का अनुष्ठान शुरू हो गया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि ट्रस्ट ने राम जन्मभूमि पर भगवान राम के दरबार में हल्दी और देसी घी के साथ लगभग 100 क्विंटल साबुत चावल की पूजा के साथ ‘अक्षत पूजा’ का आयोजन किया. अक्षत पूजा के बाद देश भर से आए विहिप कार्यकर्ताओं को कलश सौंपे गए, जिसे वो देश भर में ले जाएंगे. लोगों को अक्षत देकर रामलला की ओर से निमंत्रण दिया जाएगा.
101 पीतल के कलश में अक्षत दिया गया है. एक कलश में 5 किलो अक्षत भरा गया है. ये कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर इस कलश के अक्षत को (कई क्विंटल अक्षत में मिलाकर) बांटेंगे. साथ ही वे घर-घर में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की सूचना और निमंत्रण देंगे.
श्रीराम ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि ये अपने-अपने गांव के इकट्ठा होने का निमंत्रण है. प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर गांव के मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को लोग देखें. भजन कीर्तन करें. ये भी अपील की गई है कि किसी चौराहे में कार्यक्रम कर उसे बाधित न करें. मंदिर या धर्मस्थान में कार्यक्रम करें.
‘अक्षत’, पीतल के कलश (पीतल का गोलाकार बर्तन) में संग्रहीत किया गया था जिसे पूजा के दौरान भगवान राम के सामने रखा गया था.
ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत बांटा जाएगा. ट्रस्ट ने राम मंदिर के बारे में जानकारी देने वाले पर्चे भी प्रकाशित किए हैं, जिन्हें अक्षत के साथ बांटा जाएगा.
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राय ने अपील की है कि अभिषेक के दिन हर राम भक्त शाम को सरसों के तेल के पांच दीपक जलाए.
गौरतलब है कि अगले 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय की गई है. उससे पहले देशभर में करोड़ों भक्तों तक भगवान राम का प्रसाद अक्षत के रुप में पहुंचाया जाना है.
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