मुख्तार गैंग के लिए नागालैंड में बनता था हथियार लाइसेंस फिर यूपी हो जाता ट्रांसफर, STF की जांच में खुलासा

संतोष शर्मा

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मुख्तार अंसारी
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Uttar Pradesh News: मुख्तार अंसारी के शस्त्र लाइसेंस मामले की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है. समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक अभय सिंह के करीबी रिश्तेदार संदीप सिंह ने नागालैंड से फर्जी नाम पते पर बनवाए गए शस्त्र लाइसेंस को लखनऊ में मुख्तार अंसारी के सरकारी विधायक निवास के पते पर ट्रांसफर करवाया था. यही नहीं एसटीएफ की जांच में साल 2002 से 2004 के बीच मुख्तार अंसारी और उससे जुड़े गैंग के लोगों ने नागालैंड से लगभग 28 शस्त्र लाइसेंस बनवा कर यूपी ट्रांसफर करवाए थे. लेकिन जिनके कागजात अब ऐसी आपको ढूंढे नहीं मिल रहे.

शस्त्र लाइसेंस मामले की जांच में एक बड़ा खुलासा

बीते 27 मई को यूपी एसटीएफ में लखनऊ विभूति खंड इलाके से समाजवादी पार्टी के बाहुबली विधायक अभय सिंह के साले संदीप सिंह उर्फ पप्पू को गिरफ्तार किया संदीप सिंह ने नागालैंड के मूल जिले से जो राइफल कल लाइसेंस बनवाया था. वह जांच में संदीप के नाम पर बना ही नहीं था. नागालैंड के मून जिले से बनवाया गया 7099 नंबर का लाइसेंस Nokyu Ko के नाम बनवाया गया था. जिसे संदीप सिंह ने 7 जून 2004 को मुख्तार अंसारी के विधायक निवास स्थित सरकारी आवास 107 बी दारुल सफा, विधायक निवास लखनऊ के पते पर ट्रांसफर करवाया था. इसके साथ ही फैजाबाद के राजेपुर गांव के पते पर बनवाए गए लाइसेंस को भी संदीप सिंह ने 16 जनवरी 2020 को लखनऊ के पते पर ट्रांसफर करवाया और दोनों ही लाइसेंस एक साथ करवा लिए.

मुख्तार गैंग के लिए नागालैंड में हथियार लाइसेंस बनता था

नागालैंड के फर्जी नाम पते पर बनवाए गए इस लाइसेंस की जांच मैं झूठी यूपी एसटीएफ को अभय सिंह के साथ-साथ मुन्ना बजरंगी और मुख्तार अंसारी से जुड़े लोगों के कुछ और लोगों के लाइसेंस भी इसी तरह नागालैंड के कुछ अन्य जनपदों से फर्जी नाम पते पर बनवाने की जानकारी मिली है. जांच से जुड़े एक अधिकारी जमाने तो पता चला है कि साल 2002 से 2004 के बीच मुख्तार अंसारी, मुन्ना बजरंगी और अभय सिंह से जुड़े लोगों के लगभग 30 लाइसेंस बनवाए थे. जिसे बाद में यूपी में दूसरों जिलों के पते पर ट्रांसफर किए गए. जांच कर रही है एसटीएफ को जानकारी मिली है कि बागपत जेल में मारे गए मुन्ना बजरंगी के साले पुष्पजीत का लाइसेंस भी नागालैंड से ही बना था. पुष्पजीत की लखनऊ के विकास नगर में साल 2015 में हत्या कर दी गई थी.

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संदीप सिंह से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि संदीप सिंह के गांव राजेपुर के रहने वाले चार लोग नागालैंड से लाइसेंस बनवाने के इस फर्जीवाड़े में जुड़े हैं। अब एसटीएफ फर्जी नाम पते पर लाइसेंस बनवाने वाले लोगों की तलाश में जुट गई है. बता दे इन नागालैंड पुलिस की जांच में भी तस्दीक हुई है कि संदीप सिंह के मोन जिले से फर्जी नाम पते पर बनाए गए इस लाइसेंस को नागालैंड के चीफ सेक्रेटरी के आदेश पर यूपी ट्रांसफर किया गया. एसटीएफ को शक है कि नागालैंड के चीफ सेक्रेट्री का यह ट्रांसफर लेटर भी फर्जी है जिसकी तस्दीक करवाई जा रही है.

बता दें कि अभय सिंह के साले संदीप सिंह से पहले यूपी एसटीएफ ने मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को भी लाइसेंस के फर्जीवाड़े में आरोपी बनया है. अब्बास अंसारी ने राइफल शूटिंग के नाम पर लाइसेंस का फर्जीवाड़ा किया और फिर उसे दिल्ली के पते पर ट्रांसफर करवाया था.

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