आयकर विभाग ने जारी की माफिया मुख्तार अंसारी की ‘बेनामी’ भूमि जब्त करने की घोषणा

भाषा

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

आयकर विभाग ने माफिया-राजनेता मुख्तार अंसारी की कथित तौर पर बेनामी संपत्ति घोषित की गई 12 करोड़ रुपये की जमीन को जब्त करने की घोषणा जारी कर दी.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग की लखनऊ की एक टीम ने स्थानीय पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों के साथ जाकर सदर तहसील में ‘मौजा कपूरपुर एनजेडए’ में लोहे का नोटिसनुमा बोर्ड लगाया है.

बोर्ड पर लिखा है कि आयकर विभाग इस संपत्ति को बेनामी संपत्ति कानून के तहत अस्थायी रूप से जब्त कर रहा है और इस संपत्ति की कोई भी बिक्री, खरीद या हस्तांतरण प्रतिबंधित है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

एक वरिष्ठ अधिकारी ने आसपास मौजूद लोगों को यह नोटिस पढ़कर सुनाई.

प्रक्रिया के अनुसार, एक बार बेनामी संपत्ति कानून के निर्णायक प्राधिकरण ने आयकर विभाग के आदेश को मंजूरी दे दी तो संपत्ति को स्थायी रूप से जब्त किया जा सकता है.

ADVERTISEMENT

आयकर विभाग की लखनऊ मुख्यालय वाली बेनामी संपत्ति जांच इकाई ने पिछले महीने इस संपत्ति को कुर्क कर लिया था. वहीं, महकमे ने अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपनी जांच के दौरान 127 करोड़ रुपये की दो दर्जन संपत्ति की पहचान की थी.

सूत्रों के अनुसार जिस जमीन के जब्तीकरण के लिए उद्घोषणा जारी की गई है उसकी कीमत लगभग 1.29 करोड़ रुपये है। विभाग के कुर्की आदेश के अनुसार इस संपत्ति का बाजार मूल्य करीब 12 करोड़ रुपये है.

ADVERTISEMENT

इस मामले में बेनामीदार (जिसके नाम पर बेनामी संपत्ति है) की पहचान अंसारी के एक कथित सहयोगी और पड़ोसी गणेश डी. मिश्रा के रूप में की गई है, जबकि कुर्की आदेश में ‘लाभार्थी स्वामी’ का नाम मुख्तार अंसारी लिखा गया है.

बेनामी का अर्थ ऐसी संपत्तियों से है जिनमें वास्तविक लाभार्थी वह नहीं है जिसके नाम पर संपत्ति खरीदी गई है. कुर्की आदेश पिछले महीने बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम 2016 के प्रावधानों के तहत जारी किया गया था.

सूत्रों ने बताया कि विभाग ने इस मामले में अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दायर कई मुकदमों, जमीन के रिकॉर्ड और कई बैंक दस्तावेजों की जांच के बाद इस मामले में यह पाया कि मिश्रा ने कथित रूप से एक व्यक्तिगत दस्तावेज प्रस्तुत किया था. उसने 90 लाख रुपये का बांड और उस कंपनी द्वारा लिए गए 1.60 करोड़ रुपये के ऋण के लिए अपनी संपत्ति भी गिरवी रख दी थी जिसमें अंसारी की पत्नी और बेटे शेयरधारक हैं.

जांच में पाया गया कि जमीन ‘गणेश दत्त मिश्रा के नाम पर खरीदी गई बेनामी संपत्ति’ थी और सेल डीड में उल्लिखित 1.29 करोड़ रुपये के चेक भुगतान के लिए कभी पेश ही नहीं किए गए थे.

आज हुई कार्रवाई अंसारी और उसके सहयोगियों के खिलाफ आयकर विभाग द्वारा ‘पैंथर’ नाम के एक ऑपरेशन के तहत की गई एक ‘व्यापक’ कार्रवाई का हिस्सा है.

सूत्रों के मुताबिक विभाग अंसारी की बाकी 22 बेनामी संपत्तियों को भी कुर्क कर सकता है, जिनका बाजार मूल्य 100 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है.

पांच बार विधायक रह चुका अंसारी इस वक्त उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद है.

गाजीपुर की एक स्थानीय अदालत ने पिछले महीने अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी को 2007 के गैंगस्टर्स एक्ट के एक मामले में क्रमश: 10 साल और चार साल कैद की सजा सुनाई थी. यह सजा सुनाए जाने के बाद बसपा सांसद अफजाल अंसारी की लोकसभा सदस्यता भी खत्म कर दी गई थी.

मुख्तार अंसारी के खिलाफ जमीन हड़पने, हत्या और जबरन वसूली के आरोप में 49 मामले दर्ज हैं.

    Main news
    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT