अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बाद फिर चर्चा में UPSTF चीफ अमिताभ यश, इनकी कहानी जान लीजिए

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अनिल दुजाना को लेकर अमिताभ यश ने किए चौंकाने वाले खुलासे
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Uttar Pradesh News: प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड में शामिल आरोपियों पर यूपी पुलिस ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की. यूपी एसटीफए की टीम ने उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद के फरार बेटे असद अहमद और मोहम्मद गुलाम को झांसी में एनकाउंटर (Asad Ahmed Encounter)  में ढेर कर दिया. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले उमेश पाल हत्याकांड के बाद से ही यूपी एसटीएफ की टीम आरोपियों की तलाश में दिन-रात एक की हुई थी. इस टीम को लीड कर रहे थे यूपी एसटीएफ के ADG अमिताभ यश.

डेढ़ महीने ट्रेस कर रही थी STF

असद अहमद और गुलाम मोहम्मद के एनकाउंटर के बाद अमिताभ यश ने यूपी तक से खास बातचीत में कहा कि, ‘एसटीएफ की टीम पिछले डेढ़ महीने से दोनों आरोपियों को लगातार ट्रेस कर रही थी.’ उन्होंने बताया कि, ‘एक समय तो शूटर गुलाम कुछ मिनट के कारण हमसे मिस हो गया था.’ हांलाकि गुरुवार को दोनों ही आरोपियों की यूपी एसटीएफ ने ढेर कर दिया. बता दें कि अमिताभ यश वही अफसर हैं, जिनके नाम 150 से ज्यादा अपराधियों को ढे़र करने का रिकॉर्ड दर्ज है. कुख्यात विकास दुबे के गैंग को भी तहत-नहस करने का काम अमिताभ यश की अगुवाई में ही किया गया था.

चित्रकूट के जंगलों में जहां डकैतों का निकला फरमान ही प्रधान से लेकर विधायक और सांसद बनाता था, उस डकैतों से मुक्त कराने का श्रेय अमिताभ यश के भी खाते में जाता है.

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खतरनाक डाकुओं का सफाया

मई 2007 में जब तक प्रदेश में मायावती की सरकार आई तो अमिताभ यश को SSP एसटीएफ बनाया गया. इस दौरान अमिताभ यश ने ददुआ के खिलाफ बुंदेलखंड के जंगलों में अभियान छेड़ दिया. अमिताभ यश महीनों अपनी टीम के साथ जंगलों में कैंप करते रहे और जिसका नतीजा था यूपी STF  ने ददुआ जैसे दुर्दांत डकैतों को मार गिराया. ददुआ को मारकर जा रही टीम पर ठोकिया ने हमला किया तो एसटीएफ का जश्न मातम में बदल गया. अगले ही दिन से ऑपरेशन ठोकिया शुरू हुआ और ठोकिया को भी अमिताभ यश की टीम ने मार गिराया.

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बिहार के रहने वाले हैं अमिताभ यश

बिहार में भोजपुर जिले के रहने वाले अमिताभ यश पिता भी आईपीएस थे. उनके पिता राम यश सिंह बिहार कैडर में आईपीएस अफसर रहे. अमिताभ यश ने बचपन से ही थाने चौकी में पुलिस और पुलिस की अपराधियों से निपटने की दुश्वारियां को करीब से देखा और समझा. यही वजह थी कि दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई पूरी करने के बाद जब अमिताभ यश ने यूपीएससी की परीक्षा पास तो खाकी पहनी और आईपीएस बने. अमिताभ यश का बतौर कप्तान पहला जिला संतकबीरनगर रहा. संत कबीर नगर में लगभग 11 महीने एसपी रहे. इसके बाद बाराबंकी महाराजगंज, हरदोई, जालौन, सहारनपुर, सीतापुर, बुलंदशहर, नोएडा से लेकर कानपुर जैसे बड़े महानगर में अमिताभ यश बतौर एसपी और एसएसपी तैनात रहे.

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2021 में मिली UP STF की कमान

उत्तर प्रदेश में कचहरी सीरियल ब्लास्ट हुए तो मायावती सरकार ने एटीएस का गठन किया और अमिताभ यश को एसटीएफ के साथ एसएसपी एटीएस का भी चार्ज दिया. एसएसपी एटीएस रहते अमिताभ यश ने उत्तर प्रदेश से सिमी और हूजी के पूरे नेटवर्क को ध्वस्त किया और रामपुर सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले के आरोपियों को गिरफ्तार किया. मई 2007 से जुलाई 2009 तक अमिताभ यश एसएसपी एसटीएफ और अक्टूबर 2009 तक एटीएस के एसएसपी रहे. जनवरी 2021 में आईजी से एडीजी के पद पर प्रमोशन हुआ तो अमिताभ यश एडीजी एसटीएफ बनाए गए.

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