मदरसे जैसे संस्थानों की सरकारी फंडिंग पर HC ने मांगा जवाब, धर्मनिरपेक्षता का किया जिक्र

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मदरसों जैसे धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों की सरकारी फंडिंग पर उत्तर प्रदेश सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी है. कोर्ट ने राज्य सरकार…

यूपी तक

• 07:16 AM • 02 Sep 2021

follow google news

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मदरसों जैसे धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों की सरकारी फंडिंग पर उत्तर प्रदेश सरकार से विस्तृत जानकारी मांगी है.

यह भी पढ़ें...

कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि क्या धार्मिक शिक्षा दे रहे संस्थानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की राज्य सरकार की नीति, संविधान की मंशा के अनुरूप है, खासकर भारत के संविधान की प्रस्तावना में दर्ज ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को ध्यान में रखते हुए?

अदालत ने यह भी जानना चाहा है कि क्या दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों को भी धार्मिक स्कूल चलाने के लिए सरकारी सहायता उपलब्ध कराई जाती है और क्या धार्मिक स्कूलों में स्टूडेंट के तौर पर आवेदन करने से महिलाओं को रोका गया है और अगर ऐसा है तो क्या इस तरह की रोक भेदभाव नहीं है?

कोर्ट ने राज्य सरकार से मान्यता और सहायता प्राप्त मदरसों और अन्य सभी धार्मिक शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम, शर्तें, मान्यता के मानक आदि उपलब्ध कराने को भी कहा है.

अदालत ने राज्य सरकार से दूसरे सम्प्रदायों की धार्मिक शिक्षा दे रहे संस्थानों के अलग-अलग अन्य शिक्षा बोर्डों की डीटेल्स भी मांगी हैं.

कोर्ट ने किस मामले पर मांगी ये जानकारी?

कोर्ट ने 19 अगस्त को यह जानकारी मांगी थी, जिसकी ऑर्डर कॉपी हाल ही में इसे अपलोड हुई है. दरअसल, मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम और अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अजय भनोट की सिंगल बेंच ने राज्य सरकार को चार हफ्ते के भीतर एक जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था.

बेंच ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 6 अक्तूबर तय की है. इस याचिका में मदरसा बोर्ड से मान्यता प्राप्त मदरसा अंजुमन इस्लामिया फैजुल उलूम ने स्टूडेंट्स की बढ़ती संख्या को देखते हुए टीचर्स के अतिरिक्त पद जोड़ने के लिए अनुरोध किया है.

जब गाय का कल्याण होगा, तभी देश का कल्याण होगा: इलाहाबाद हाई कोर्ट

    follow whatsapp