इधर अखिलेश यादव ने किया 40000 देने का वादा तो अयोध्या की महिलाओं ने कह दी ये बड़ी बात

अयोध्या विधानसभा क्षेत्र की महिलाओं ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा सालाना 40,000 रुपय देने की योजना पर अपनी राय दी. महिलाएं केवल पैसे नहीं, बल्कि गांव में रोजगार, विकास और स्थिरता की भी उम्मीद रखती हैं.

मयंक शुक्ला

12 Dec 2025 (अपडेटेड: 12 Dec 2025, 03:36 PM)

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उत्तर प्रदेश की राजनीति में विधानसभा चुनावों से पहले नेताओं की घोषणाएं और वादे अक्सर चर्चा में रहते हैं. अयोध्या विधानसभा उत्तर प्रदेश की राजनीति का एक ऐसा केंद्र है जहां हर नेता अपनी पहचान बनाने की हर संभव कोशिश करता है. आपको बता दें कि हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने महिलाओं को सालाना 40000 रुपए देने की घोषणा की है. उन्होंने इसको  बिहार चुनाव में बीजेपी की 10000 की योजना का जवाब बताया है. इन सभी चर्चाओं के बीच यूपी Tak की टीम ने अयोध्या के गांव में जाकर आम महिलाओं से इस योजना और उनकी उम्मीदों पर बातचीत की.

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अयोध्या में महिलाओं ने दी अपनी राय

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा महिलाओं को सालाना 40,000 रुपए देने की घोषणा ने अयोध्या के ग्रामीण इलाकों में चर्चा का नया विषय बना दिया है. ऐसे में यूपी Tak ने यहां की महिलाओं से उनके विचार जानने की कोशिश की.यूपी Tak की टीम से बातचीत में एक स्थानीय महिला सुंदर कली ने बताया कि 'अखिलेश यादव का यह प्रस्ताव अच्छा लग रहा है. हम लोग मजदूरी करते हैं. उससे अच्छा है कि हमें पैसा मिले. जब उनसे पूछा गया कि अभी उनको सरकार की तरफ से क्या मिलता है तो उन्होंने कहा कि "अभी सरकार की तरफ से हमें कुछ नहीं मिलता, केवल मजदूरी करते हैं. महिलाओं को कुछ भी पैसा नहीं दिया जा रहा है. अगर अखिलेश यादव देंगे तो ठीक है और नहीं देंगे तो भी हम अपना मजदूरी का काम करते रहेंगे”

इसके बाद टीम ने कश्मीरा देवी नाम की एक महिला ने अखिलेश यादव की इस घोषणा को लेकर कहा कि 'अच्छा है, ऐसे बनाए रहे उम्मीद तो ठीक है. हम लोग मजदूरी करके अपना पेट पालते हैं और इसी से बच्चों का पेट पालते हैं. वहीं जब उनसे पूछा गया कि मौजूदा सरकार कैसा काम कर रही है. इसपर कश्मीरा देवी ने कहा कि 'सरकार बढ़िया तो नहीं है. जो विकास करेगा हम उसके साथ रहेंगे.' जब उनसे पूछा गया कि अयोध्या में अभी भी बहुत विकास हुआ है तो उन्होंने कहा कि "हमें तो कुछ नहीं मिला. हमें अभी तक कुछ भी लाभ नहीं हुआ."

महिलाओं ने साफ किया कि केवल पैसा मिलने से संतोष नहीं होगा. विमला देवी ने कहा, 'समाजवादी सरकार के समय पेंशन मिलती थी और सड़कें बनती थीं. लेकिन अब मजदूरी और काम बंद हो गए हैं. हमें विकास और रोजगार दोनों चाहिए और जो विकास करेगा उसके साथ रहेंगे.'

गांव की महिला ममता ने कहा कि 'यह बहुत अच्छा है, हमें इससे रोज की कमाई में मदद मिलेगी. गरीब बच्चों के लिए भी फायदा होगा. अगर पैसा मिलेगा तो वोट देंगे, नहीं मिला तो कोई बात नहीं. पर हमें काम भी चाहिए सिर्फ पैसा नहीं.' वहीं अन्य महिलाएं भी इस योजना के स्वागत में अपनी राय साझा करती नजर आईं. उन्होंने कहा, 'बहुत बढ़िया है...हमें खुशी है. जो योजना आएगी हम उसके साथ रहेंगे. लेकिन वोट तब देंगे जब वादा पूरा होगा.'

महिलाओं की बातों से साफ है कि वे केवल पैसों की बात नहीं कर रही हैं बल्कि अपने जीवन में स्थिरता, रोजगार और विकास की भी उम्मीद रखती हैं. उनके अनुसार पैसे का होना जरूरी है लेकिन गांव में विकास और रोजगार भी उतना ही जरूरी है.

योगी सरकार की तुलना

महिलाओं ने यह भी बताया कि वर्तमान में योगी सरकार से उन्हें कुछ मदद जरूर मिलती है. जैसे विधवा पेंशन के रूप में 2,000 रूपए. लेकिन इसके बावजूद गांव में पर्याप्त विकास नहीं हुआ है. रोजमर्रा की सुविधाओं और रोजगार के मामलों में उन्हें अभी भी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.

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