उत्तर प्रदेश की सियासत में इन दिनों वोटों की छंटनी और विवादित बयानों को लेकर घमासान मचा हुआ है. 'आज का यूपी' में तीन बड़ी खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं. पहली खबर कन्नौज से है, जहां पूर्व सांसद सुब्रत पाठक के '3 लाख वोट कटने' वाले बयान ने सियासी गलियारों में आग लगा दी है. सपा चीफ अखिलेश यादव ने इस पर तीखा पलटवार किया है. दूसरी खबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की SIR को लेकर चिंता से जुड़ी है, जहां वे कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर लगने की सलाह दे रहे हैं. वहीं तीसरी खबर कैबिनेट मंत्री संजय निषाद की है, जिन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बुर्का वाले वाकये पर दिए अपने विवादित बयान पर अब सफाई देते हुए उसे भोजपुरी अंदाज का मजाक बताया है.
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कन्नौज में सुब्रत पाठक का दावा- कटेंगे 3 लाख फर्जी वोट, भड़के अखिलेश
कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने एक बेहद सनसनीखेज दावा किया है. उनका कहना है कि कन्नौज की तीन विधानसभाओं में लगभग 3 लाख ऐसे वोट हैं जो फर्जी हैं, या तो वे लोग मर चुके हैं या शहर छोड़ चुके हैं. पाठक का सीधा आरोप है कि ये सभी फर्जी वोट समाजवादी पार्टी के हैं और SIR अभियान के तहत इन्हें काट दिया जाएगा. इस पर सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने मोर्चा खोलते हुए इसे चुनाव आयोग को चुनौती देने वाला और आपत्तिजनक बयान बताया है. अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा कि सुब्रत पाठक काले कारनामों का चश्मा पहनकर बोल रहे हैं और उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या दिल्ली के शीर्ष नेतृत्व से अपनी क्लास लगवाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
SIR अभियान को लेकर सीएम योगी की क्या है चिंता?
जहां एक तरफ सुब्रत पाठक उत्साहित हैं, वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ SIR को लेकर काफी गंभीर और चिंतित नजर आ रहे हैं. यूपी में बड़ी तादाद में होने वाले पलायन के कारण बीजेपी को डर है कि उनके वास्तविक वोटर्स की संख्या कम न हो जाए. सीएम योगी ने कार्यकर्ताओं को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे बूथ दर बूथ जाकर डुप्लीकेट वोटर्स की पहचान करें और अपने वोट सुरक्षित करें. बीजेपी को लगता है कि अगर सत्यापन प्रक्रिया में ढील दी गई, तो आगामी चुनावों में उन्हें बड़ा नुकसान हो सकता है. जबकि बिहार के परिणामों ने दिखाया है कि सही वेरिफिकेशन से बीजेपी को फायदा मिलता है.
बुर्का विवाद पर संजय निषाद की सफाई- मैं तो भोजपुरी में मजाक कर रहा था
योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद एक बार फिर अपने बयानों के कारण बैकफुट पर हैं. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक लड़की का बुर्का खींचे जाने के मामले पर संजय निषाद ने उपहास उड़ाया था जिसे महिलाओं की गरिमा के खिलाफ माना गया. भारी दबाव और विवाद के बाद, आज संजय निषाद ने अपने शब्द वापस लेते हुए खेद जताया है. हालांकि उन्होंने इसके लिए अपनी पूर्वांचल की शैली का सहारा लिया और कहा कि भोजपुरी में इस तरह का हंसी-मजाक सामान्य है और उनका उद्देश्य किसी की भावनाएं आहत करना नहीं था. उन्होंने कहा कि अगर किसी को ठेस पहुंची है तो वे अपना बयान वापस लेते हैं.
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