अफजाल अंसारी की सांसदी जाने के बाद कौन लड़ेगा गाजीपुर से चुनाव? भाजपा-सपा तलाशने लगे प्रत्याशी

विनय कुमार सिंह

02 May 2023 (अपडेटेड: 02 May 2023, 03:26 PM)

Ghazipur News: गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को कोर्ट द्वारा 29 अप्रैल 2023 को दोषी करार देने के बाद लोकसभा की सदस्यता रद्द…

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Ghazipur News: गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी (Afzal Ansari) को कोर्ट द्वारा 29 अप्रैल 2023 को दोषी करार देने के बाद लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. इसके बाद गाजीपुर में राजनीतिक कयासबाजी के साथ अटकलों का दौर भी जारी है. जनता और राजनीतिक दलों के बीच उहापोह की स्थिति है कि अब गाजीपुर से अब अगला सांसद कौन होगा. बता दें कि जल्द ही गाजीपुर लोकसभा उपचुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां प्रत्याशियों को तलाशने में जुट गईं हैं.

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भाजपा के पास कई दावेदार

भारतीय जनता पार्टी की स्थानीय इकाई लोकसभा चुनाव के लिए चेहरा तलाश रही है. यूं तो 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के सिंबल से पूर्व केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा ने लड़ा था, लेकिन वे गठबंधन के प्रत्याशी अफजाल अंसारी से एक लाख से ज्यादा वोटों से हार गए थे. फिलहाल मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल हैं. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि गाजीपुर में भाजपा के लिए मनोज सिन्हा के बाद सेकेंड लाइन में कोई चेहरा फौरी तौर पर नजर नहीं आता, लेकिन अटकलों में देखा जाए तो उनके बेटे अभिनव सिन्हा को टिकट दिया जा सकता है. अभिनव सिन्हा इस समय पूरे प्रोटोकॉल के साथ गाजीपुर की सभी विधानसभाओं में जनसंपर्क अभियान में भी लगे हुए हैं.

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वहीं मोहम्मदाबाद की पूर्व विधायक अलका राय और उनके बेटे पियूष राय भी सुर्खियों में है. जबकि चर्चा तो एम एल सी विशाल सिंह “चंचल” और गाजीपुर के पूर्व सांसद राधे मोहन सिंह की भी खूब है. जिन्होंने 2009 के चुनाव में अफजाल अंसारी को हराया था. उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़ दिया है और भाजपा नेताओं के संपर्क में भी हैं. वहीं भाजपा के पिछड़े नेताओं में एक नाम है प्रोफेसर शोभनाथ यादव का, जो लगभग डेढ़ दशक से भाजपा में संगठन का दायित्व संभाल रहे हैं और आजकल प्रदेश भाजपा की कार्यकारिणी में हैं.

 राजभर पर भाजपा लगा सकती है बड़ा दाव!

वही एक चर्चा और है कि भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व गाज़ीपुर सीट को बेहद खास मानता है और कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहता. ऐसे में यह सीट गठबंधन के किसी दल को दी जा सकती है, उसमें सबसे पहले नाम आता है निषाद पार्टी का. निषाद पार्टी की ओर से उम्मीदवार सुभाष पासी या फिर कोई सवर्ण चेहरा आ सकता है. अटकलों के बाजार में ओमप्रकाश राजभर से भाजपा के नजदीकियों की चर्चा में गाजीपुर की लोकसभा सीट ओमप्रकाश राजभर के भी खाते में जाते भी दिख रही है. ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा यहां से ओमप्रकाश राजभर के परिवार से भी प्रत्याशी उतार सकती है.

सपा के सामने दोहरी चुनौती

अब बात रह गई समाजवादी पार्टी की तो साल 2019 से अफजाल अंसारी, सपा और बहुजन समाज पार्टी के संयुक्त प्रत्याशी थे. गाजीपुर की सीट बसपा के खाते में गई थी और अफजाल अंसारी यहां सांसद बने थे. इस बार भी चर्चा थी कि अफजाल अंसारी बहुजन समाज पार्टी छोड़ करके समाजवादी पार्टी का दामन थाम लेंगे और पार्टी के ही टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, जिसका खुलासा पूर्व सपा सांसद राधेमोहन सिंह ने भी किया था. वहीं अब कोर्ट से सज़ा मिलने के बाद अब अफजाल अंसारी की संसद सदस्यता समाप्त कर उन्हें अयोग्य भी घोषित कर दिया गया है.

बसपा की मुश्किलें भी नहीं कम

ऐसे में अब समाजवादी पार्टी, दूसरा चेहरा ढूंढने के लिए तलाश जारी है. जो प्रमुख रूप से एक नाम आता है वह अंसारी परिवार से ही है. अफजाल और मुख्तार अंसारी के सबसे बड़े भाई शिबगतुल्लाह अंसारी का जो मोहम्मदाबाद से दो बार विधायक रहे हैं. उनका नाम अब प्रमुखता से आगे है लेकिन जानकार यह भी मानते हैं कि अगर अफजाल अंसारी के परिवार से राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कोई नाम नहीं सुझाया तो दूसरा बड़ा नाम पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह का भी आता है, जो 6 बार विधायक होने के साथ एक बार गाजीपुर के सांसद भी रह चुके हैं. वहीं उमाशंकर कुशवाहा, राजेश कुशवाहा आदि कई नाम गैर यादव पिछड़े वर्ग से भी सुर्खियों में है. बात अगर बसपा की करे तो पूर्व विधायक डॉक्टर राजकुमार गौतम के साथ डॉक्टर मुकेश सिंह का नाम भी सुर्खियों में है.

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