विनेश के आरोप और बृजभूषण की सफाई, दोनों को पुलिस ने किया चेक, जानिए गोंडा में क्या-क्या हुआ

हिमांशु मिश्रा

• 09:30 AM • 06 Jun 2023

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा आवास पर…

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महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के गोंडा आवास पर दो दिन पहले दिल्ली पुलिस की एसआईटी की टीम पूछताछ के लिए पहुंची थी. सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की टीम विनेश फोगाट द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच के लिए यहां आई थी. दरअसल, फोगाट ने अपनी शिकायत में कहा था कि जब वह 16-17 अक्टूबर 2017 को बृजभूषण शरण सिंह के दिल्ली आवास पर उनसे मुलाकात के लिए पहुंची थी तो उस दौरान वहां उनके साथ छेड़छाड़ की गई. पुलिस इसी बयान की तफ्तीश के लिए गोंडा पहुंची थी.

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बृजभूषण ने बताए थे विनेश के आरोप बेबुनियाद

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में बृजभूषण शरण सिंह बता चुके हैं कि विनेश के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं क्योंकि वह 16 और 17 अक्टूबर 2017 को दिल्ली में थे ही नहीं, बल्कि वह लखनऊ और गोंडा में थे. सूत्रों के मुताबिक, बृजभूषण शरण सिंह ने पुलिस को बताया था कि जिस दौरान वह लखनऊ और गोंडा में थे, वहां कार्यक्रमों में सैकड़ों लोग शामिल थे.

आपको बता दें कि बृजभूषण शरण सिंह की सफाई और विनेश के आरोपों की पुष्टि के लिए दिल्ली पुलिस की टीम गोंडा पहुंची थी. यहां पर उन लोगों से संपर्क साधा गया जिनका बृजभूषण शरण सिंह ने अपने बयान में जिक्र करते हुए कहा था कि वे लोग उस कार्यक्रम में उनके साथ वहां मौजूद थे.

सूत्रों के अनुसार, दिल्ली पुलिस ने गोंडा में पहुंचकर एक दर्जन से ज्यादा लोगों से पूछताछ की और यह जानना चाहा कि बृजभूषण शरण सिंह ने जो सफाई दी है कि उस दौरान यानी 16 और 17 अक्टूबर 2017 को वह लखनऊ और गोंडा में थे उनके दावों में कितनी सच्चाई है क्योंकि इससे विनेश के आरोपों की पुष्टि की जा सकती है.

मालूम हो कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं.

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