उत्तर प्रदेश की राजनीति में इस वक्त का सबसे बड़ा सवाल है कि भारतीय जनता पार्टी का अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन होगा. सूत्रों के मुताबिक पंकज चौधरी का नाम इस पद के लिए लगभग तय माना जा रहा है. आज शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए औपचारिक घोषणा के साथ ही नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. ऐसे में अगर पंकज चौधरी के अलावा कोई दूसरा नामांकन नहीं होता है तो आज दोपहर 2 बजे तक उनके नाम का अनौपचारिक ऐलान भी हो जाएगा.
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आज उत्तर प्रदेश बीजेपी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिल सकता है. बीजेपी मुख्यालय हजरतगंज में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए आज नामांकन प्रक्रिया पूरी की जाएगी. सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद पंकज चौधरी के प्रस्तावक होंगे. ऐसे में यह तय माना जा रहा है कि पंकज चौधरी ही यूपी के अगले प्रदेश अध्यक्ष हो सकते हैं.हालांकि यह तस्वीर आज दोपहर 2 बजे तक और अधिक साफ हो पाएगी.
ओबीसी चेहरा क्यों चुना गया?
बीजेपी का प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी चेहरे को बनाना पार्टी की रणनीति का एक हिस्सा बताया जा रहा है. बात करें पंकज चौधरी की तो वह सात बार के सांसद रहे हैं और वह ओबीसी कुर्मी बिरादरी से आते हैं. यह फैक्टर उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा संदेश देगा. 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ओबीसी, खासकर कुर्मी समुदाय की कथित नाराजगी का सामना करना पड़ा था. अब इस नाम के जरिए भाजपा उन्हें साधने की जुगत में है.
ऐसे में अगर पंकज चौधरी का नाम तय होता है तो एक दिलचस्प क्षेत्रीय समीकरण बनेगा. पंकज चौधरी महाराजगंज जिले से आते हैं जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर से सटा हुआ है. हालांकि एक ही क्षेत्र से मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का होना कई सवाल भी खड़े कर रहा है.
कौन हैं पंकज चौधरी?
भाजपा के वरिष्ठ नेता पंकज चौधरी मौजूदा समय में वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद पर हैं. संसदीय राजनीति में उनका करियर तीन दशक से ज्यादा का है. 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में उनका जन्म हुआ था. गोरखपुर यूनिवर्सिटी से उन्होंने ग्रैजुएशन किया है.पंकज चौधरी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 1989 में गोरखपुर नगर निगम के पार्षद के रूप में की थी. वह उप महापौर भी रहे. 1991 में वह पहली बार भाजपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश की महाराजगंज लोकसभा सीट से सांसद चुने गए. अपनी कुशल राजनीति और क्षेत्रीय पकड़ के कारण वह इस सीट से 1996, 1998, 2004, 2014, 2019 और 2024 में सात बार सांसद चुने गए हैं.
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले उन्होंने संसद की कई महत्वपूर्ण समितियों के सदस्य के रूप में भी काम किया है, जिनमें शामिल हैं:
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