लखीमपुर खीरी: शिवसेना ने किया वरुण का समर्थन, कहा- ‘अन्य सांसदों का खून ठंडा पड़ गया है?’

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• 11:03 AM • 11 Oct 2021

शिवसेना ने लखीमपुर खीरी घटना के बाद किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और पीलीभीत सांसद वरुण गांधी…

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शिवसेना ने लखीमपुर खीरी घटना के बाद किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता और पीलीभीत सांसद वरुण गांधी के रुख को उचित ठहराया है. पार्टी ने सोमवार को कहा कि सभी किसान संगठनों को इस मामले में वरुण के रुख की प्रशंसा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करना चाहिए.

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शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में एक संपादकीय में सवाल किया, “उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई ‘भयावह’ घटना को देखने के बाद भी क्या अन्य सांसदों का ‘खून ठंडा पड़ गया’ है?”

संपादकीय में कहा गया, “देश शत्रुता फैलाने की कोशिशों को बर्दाश्त नहीं कर सकता. वरुण गांधी, इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) के पोते और संजय गांधी के पुत्र हैं. लखीमपुर की भयावह घटना को देखने के बाद उनका खून खौल उठा और उन्होंने अपनी राय व्यक्त की.”

पार्टी ने कहा कि वरुण गांधी ने परिणाम की परवाह किए बिना राजनीतिक साहस दिखाया और किसानों की हत्या की निंदा की. पार्टी ने आगे कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ सहयोगी दलों शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस द्वारा आहूत ‘महाराष्ट्र बंद’ उन लोगों के लिए है, जो खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर सकते.

वरुण ने अपने बयान में क्या कहा था?

वरुण गांधी ने रविवार को कहा था कि लखीमपुर खीरी घटना को ‘हिंदू बनाम सिख की लड़ाई’ में बदलने की कोशिश की जा सकती है. उन्होंने कहा था कि इस प्रकार की मिथ्या दरारें पैदा करना और जिन जख्मों को भरने में पीढ़ियां लगी हैं, उन्हें फिर से हरा करना खतरनाक है.

इसके अलावा, वरुण ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. वरुण ने कहा था कि लखीमपुर खीरी में न्याय के लिए संघर्ष गरीब किसानों की नृशंस हत्या को लेकर है और इसका किसी धर्म विशेष से कोई लेना-देना नहीं है.

उन्होंने कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों को खालिस्तानी बताया जाना ना सिर्फ हमारी सीमाओं की सुरक्षा के लिए लड़ने और खून बहाने वाले तराई के महान सपूतों का अपमान है, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक भी है.

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा मामला?

लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया क्षेत्र में 3 अक्टूबर को उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे का विरोध करने के दौरान हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष समेत कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हिंसा के सिलसिले में आशीष मिश्रा को शनिवार को करीब 12 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

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