रामचरितमानस विवाद से अब अखिलेश यादव ने किया किनारा? योगी सरकार के मंत्री ने कसा तंज

अभिनव माथुर

• 11:42 AM • 19 Feb 2023

रामचरितमानस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से पारा काफी बढ़ा दिया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के…

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रामचरितमानस विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से पारा काफी बढ़ा दिया है. सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद समाजवादी पार्टी और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर जारी है. समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय के बाहर कभी गर्व से कहो हम शुद्र हैं लिखे पोस्टर नजर आ रहे थे. वहीं अब रामचरितमानस विवाद के बीच सपा अब इन सभी विवादों से किनारा करती नजर आ रही है. रविवार को पार्टी कार्यालय के बाहर लगे सभी पोस्टर को हटा लिए गए हैं. इसपर योगी सरकार के मंत्री ने सपा को जमकर हमला बोला है.

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यूपी सरकार के कृषि राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने रविवार को रामचरित मानस विवाद को लेकर पोस्टर हटाने के बाद बैकफुट पर आई समाजवादी पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया है. वही राज्यमंत्री औलख ने एसपी सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के हिंदू राष्ट्र वाले बयान को लेकर भी प्रतिक्रिया दी है.

राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि समाजवादी पार्टी को कई दिनों बाद अक्ल बाद आई है. किसी भी पार्टी या किसी भी समाज के कोई भी व्यक्ति को बगैर सोचे समझे किसी के भी धार्मिक समाज और ग्रंथ पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है. आज उन्होंने पोस्टर हटा लिए है तो आज उन्हें बहुत देर बाद समझ आई है इसलिए उन्होंने ऐसा किया है.वही एसपी सांसद शफीक उर रहमान बर्क के द्वारा न रामराज्य कभी था, न है और न कभी होगा वाले बयान पर मंत्री बलदेव सिंह औलख ने प्रतिक्रिया दी है.

बलदेव सिंह औलख ने कहा कि मैं उनके ब्यान पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने आज तक कभी कोई अच्छा ब्यान नहीं दिया है. क्योंकि वो हमेशा उल्टा,समाज को तोड़ने वाला और शर्मिंदगी वाला बयान देते हैं. वहीं अब्दुल्लाह आजम की विधायकी जाने पर यूपी सरकार के मंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि यह कोर्ट का फैसला है और कोर्ट में 9 साल पहले ये मुकदमा दर्ज हुआ था. यह कोर्ट का फैसला है और हम लोगों को कोर्ट के फैसले का आदर करना चाहिए. बता दें कि सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ओर से सभी जिलों के जिलाध्यक्ष और सांसद, विधायकों को पत्र भेजकर धार्मिक मामलों पर बोलने से बचने की नसीहत दी थी. अब सपा कार्यालय पर भी इस आदेश को अमली जामा पहनाने की दिशा में पार्टी ने कदम बढ़ा दिए हैं.

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