BJP में शामिल होते ही करप्शन केस झेल रहे नेताओं को मिली 'राहत', संजय सेठ वाली क्रोनोलॉजी समझिए

यूपी तक

• 02:45 PM • 03 Apr 2024

आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है. इन दिनों सत्ताधारी NDA और विपक्षी दलों का समूह 'INDIA' के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है...

संजय सेठ की फाइल फोटो
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Sanjay Seth News: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म है. इन दिनों सत्ताधारी NDA और विपक्षी दलों का समूह 'INDIA' के नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं, चुनाव को लेकर कई बड़े विपक्षी नेता NDA के नेतृत्व करनी वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जॉइन कर रहे हैं. दूसरी तरफ भले ही तादाद कम हो लेकिन भाजपा से भी नेता दूसरी पार्टी में जा रहे हैं. मगर नेताओं के पार्टी बदलने के आंकड़ों को देखें तो एक खास पैटर्न नाजर आ रहा है. इस पैटर्न को देखने के बाद पता चलता है कि जिन नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद जांच एजेंसियों ने एक्शन लिया, उन्होंने सत्ताधारी भाजपा जॉइन  कर ली. इसी मुद्दे पर विपक्ष भाजपा पर हमलावर है. विपक्ष का तंज है कि भाजपा एक वॉशिंग मशीन है. मतलब यह कि भाजपा में जाने के बाद किसी नेता पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप धुल जाते हैं.

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नेताओं के पार्टी बदलने और उनपर चलने वाले मामलों को लेकर 'इंडियन एक्सप्रेस' ने विस्तार से एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट  में पूरी क्रोनोलाजी के साथ ये बताया गया है कि कैसे नेताओं के पार्टी बदलते ही उनपर चल रहे रहे मामले या तो खत्म कर दिए गए या फिर वो ठंडे बस्ते में चले गए. 'इंडियन एक्सप्रेस' ने 25 नेताओं की सूची जारी की है, जिनमें यूपी के संजय सेठ का नाम शामिल है. बता दें कि संजय सेठ पहले सपा में थे, बाद में उन्होंने भाजपा जॉइन की. फिलहाल वह भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं. अब आप खबर में आगे संजय वाली क्रोनोलॉजी समझिए.

 

 

2015 में संजय साथ पर IT ने मारा छापा और फिर...

मालूम हो कि 2015 में इनकम टैक्स विभाग ने सेठ से जुड़े शालीमार कॉर्प के कार्यालयों पर छापा मारा. एमएलसी चुनावों के लिए सेठ के नाम पर यूपी के राज्यपाल की आपत्ति के बाद सपा ने उन्हें 2016 में राज्यसभा भेजा. ऐसा कहा जाता है कि सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के परिवार के करीबी माने जाने वाले संजय सेठ ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त एसपी-बीएसपी गठबंधन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. मगर चुनाव में एसपी-बीएसपी गठबंधन हार गया, जिसके बाद संजय सेठ अगस्त 2019 में भाजपा में शामिल हो गए. इसके बाद 2024 में वह भाजपा की टिकट पर राज्यसभा चुनाव भी जीते.

ये है सेठ की पाला बदलने की क्रोनोलॉजी 

जून 2015: आईटी ने सेठ की कंपनी पर छापा मारा.
अगस्त 2019: बीजेपी में शामिल हुए.
जुलाई 2023: उनके समूह के कार्यकारी से पूछताछ की गई.
फरवरी 2024: भाजपा ने सेठ को यूपी से राज्यसभा के लिए मैदान में उतारा.
वर्तमान स्थिति: जांच जारी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं.

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