आस्था और विश्वास के महापर्व महाकुंभ 2025 के लिए तैयारियां जोरों पर हैं. संगम के रेतीले मैदान पर तंबुओं का शहर आकार ले रहा है, और प्रशासन हर विभाग में व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटा है. कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए प्रशासन ने जल यातायात प्रबंधन की एक अनूठी योजना बनाई है.
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सुरक्षित जल यातायात की योजना
प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से शुरू होने वाले महाकुंभ में 50 स्नान घाटों पर श्रद्धालुओं के सुरक्षित स्नान के लिए जल यातायात प्रबंधन लागू किया जाएगा. इस योजना के तहत संगम और यमुना नदी में 12 किलोमीटर लंबी रिवर लाइन बनाई जा रही है. यह रिवर लाइन सड़क यातायात की तरह फ्लोटिंग डिवाइडर और नदी ट्रैफिक चौराहों से संचालित होगी.
जल पुलिस एसीपी रजनीश यादव ने बताया कि अब तक 500 मीटर की रिवर लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है. इस रिवर लाइन को डीप वॉटर बैरिकेटिंग बॉक्स और फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म से सुरक्षित बनाया जा रहा है. नावों का संचालन केवल एकल मार्ग में होगा, जिससे यातायात सुचारु और सुरक्षित रहेगा.
4000 नावें होंगी संचालन में
महाकुंभ के लिए 6000 से अधिक चप्पू वाली नावों के लाइसेंस जारी किए जाने की योजना है. फिलहाल, 4000 नावों के संचालन की अनुमति जल पुलिस ने दी है. प्रयागराज नाविक संघ के अध्यक्ष पप्पू लाल निषाद ने बताया कि सभी नाविकों को मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महाकुंभ में तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की सुरक्षा के लिए कई विशेष प्रबंध किए गए हैं.
- भारतीय नौसेना के 25 प्रशिक्षित समुद्री गोताखोर चौबीसों घंटे निगरानी करेंगे.
- पीएसी की 10 कंपनियां (800 प्रशिक्षित कार्मिक), एसडीआरएफ के 150 सदस्य, और एनडीआरएफ की 12 टीमें भी सहयोग करेंगी.
- 17 सब-स्टेशन और एक फ्लोटिंग ट्रैफिक कंट्रोल स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे.
- गोता लगाने की स्थिति में गोताखोरों के पास ऑक्सीजन सिलेंडर मौजूद रहेंगे. इसके अलावा, ऑक्सीजन खत्म होने पर मौके पर ही सिलेंडरों को भरने के लिए पोर्टेबल ऑक्सीजन कंप्रेसर मशीनें भी लगाई गई हैं.
नाविकों की भूमिका अहम
प्रशासन ने नाविकों को योजना से जोड़ा है. नाविक संघ ने यह सुनिश्चित करने का भरोसा दिया है कि सभी नाविक यातायात और सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे. साथ ही, नाविकों को जल यातायात प्रबंधन और बचाव कार्यों में प्रशिक्षित किया जा रहा है.
जल यातायात के लिए तकनीकी सहायता
नदी में सुरक्षित और सुचारु यातायात के लिए फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म का निर्माण किया गया है. ये प्लेटफॉर्म जल चौराहों के रूप में कार्य करेंगे, जहां जल पुलिस कर्मी निगरानी और यातायात नियंत्रण का काम करेंगे.
महाकुंभ की तैयारियों का व्यापक दृष्टिकोण
कुंभ केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि सुरक्षा, प्रबंधन और तकनीकी नवाचार का बेहतरीन उदाहरण भी है. प्रयागराज के संगम में इस बार प्रशासन की तैयारियों से यह सुनिश्चित हो रहा है कि श्रद्धालुओं को न केवल एक सुरक्षित माहौल मिले, बल्कि वे अपनी आस्था की डुबकी निश्चिंत होकर लगा सकें.
महाकुंभ के इस जल यातायात प्रबंधन ने न केवल सुरक्षा के स्तर को बढ़ाया है, बल्कि संगम के ऐतिहासिक महत्व को भी आधुनिक तकनीक के साथ जोड़ने का प्रयास किया है.
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