प्रयागराज की बेटी ऊर्जा रहेजा ने इस तरह पढ़ाई कर IES परीक्षा में हासिल की Rank-2, ये है उनकी पूरी कहानी

UPSC Success Stories: प्रयागराज की ऊर्जा रहेजा ने बिना कोचिंग UPSC IES 2023 परीक्षा में हासिल की देश भर में दूसरी रैंक. कोविड और सीमित संसाधनों से लड़कर पाई सफलता. ये है गोल्ड मेडलिस्ट ऊर्जा की प्रेरणादायक कहानी.

Oorja Raheja With Family

आनंद राज

03 Oct 2025 (अपडेटेड: 03 Oct 2025, 05:50 PM)

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Prayagraj News: प्रयागराज की रहने वाली ऊर्जा रहेजा ने UPSC द्वारा आयोजित भारतीय आर्थिक सेवा (IES) परीक्षा 2025 के परिणाम में पूरे देश में दूसरी रैंक हासिल कर प्रेरणादायक सफलता की कहानी लिखी है. ऊर्जा की यह उपलब्धि हर उस परीक्षार्थी के लिए एक मिसाल है जो सीमित संसाधनों और चुनौतियों के बीच अपने सपनों को पूरा करने का हौसला रखते हैं. ऊर्जा ने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के अपने पहले ही प्रयास में हासिल की है. आज आप इस खबर में ऊर्जा रहेजा की कहानी जानिए.

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कोविड की चुनौतियों के बीच आसान नहीं था सफर

ऊर्जा की इस सफलता का रास्ता आसान नहीं था. खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी पढ़ाई बहुत प्रभावित हुई. मगर उन्होंने हार नहीं मानी. कम संसाधन और मानसिक दबाव जैसी मुश्किलों से लड़ते हुए उन्होंने आत्म-नियंत्रण और अनुशासन को अपनी सबसे बड़ी ताकत बनाया.

ऊर्जा बताती हैं, "कोरोना ने सिखाया कि अगर हम परिस्थिति को स्वीकार कर लें तो समाधान खुद-ब-खुद नजर आने लगते हैं." उन्होंने ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखी और आत्मविश्वास को कभी कमजोर नहीं होने दिया.

ऊर्जा ने कहां से की है पढ़ाई?

ऊर्जा की शुरुआती शिक्षा प्रयागराज के सिविल लाइंस स्थित सेंट मेरीज कॉन्वेंट स्कूल से हुई है. उन्होंने 2014 में 10वीं में 95.2% और 2016 में 12वीं में 97.5% अंक प्राप्त किए थे. इसके बाद 2019 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (SRCC) से बीए (ऑनर्स) इकोनॉमिक्स की डिग्री हासिल की. यहीं से उनके भीतर IES की दिशा में पहला सपना जन्मा था. 

सिविल सेवा परीक्षा में भी उन्हें सफलता मिली, लेकिन वह 2024 की मुख्य परीक्षा तक ही पहुंच पाईं और मनचाही सफलता नहीं मिल सकी. ऊर्जा ने हार नहीं मानी और उसी साल प्रयागराज के राजेन्द्र सिंह (रज्जू भैय्या) राज्य विश्वविद्यालय में MA Economics में दाखिला लिया. उन्होंने न केवल इस कोर्स में टॉप किया बल्कि गोल्ड मेडल भी हासिल किया.

ऊर्जा के पिता क्या करते हैं?

ऊर्जा का परिवार एक आम पृष्ठभूमि से आता है. लेकिन उनके सपने बेहद खास थे. उनके पिता संजीव रहेजा प्रयागराज के कटरा क्षेत्र में चश्मे की दुकान चलाते हैं. उनकी मां सुनीता रहेजा गृहिणी हैं. बड़े भाई पिता के व्यवसाय में हाथ बंटाते हैं.  सीमित संसाधनों के बावजूद, परिवार ने ऊर्जा को हर संभव भावनात्मक और आर्थिक सहयोग दिया और ऊर्जा ने अपने परिश्रम से इस भरोसे को इतिहास में बदल दिया.

क्या ऊर्जा की सफलता मंत्र?

ऊर्जा उन चंद सफल अभ्यर्थियों में से हैं जिन्होंने बिना किसी कोचिंग के यह कठिन परीक्षा पास की है. उन्होंने अपने घर को ही अपना अध्ययन केंद्र बनाया और ठान लिया कि वह अपनी सेल्फ-स्टडी के दम पर ही इस परीक्षा को पार करेंगी. उन्होंने जनवरी 2025 से IES की तैयारी शुरू की और हर दिन 10 घंटे की पढ़ाई को अपना नियम बनाया.  उन्होंने प्रत्येक विषय और हर पेपर को बराबर महत्व दिया. ऊर्जा का मानना था कि निरंतर फोकस बनाए रखना ही सफलता की कुंजी है. 

परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों को संदेश देते हुए ऊर्जा ने कहा, "तैयारी करते समय हर पेपर की समान तैयारी करें और अपने लक्ष्य से कभी भटकें नहीं. तभी आप सफलता पाएंगे."

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