'जादुई सिक्के' को पाने के लिए नौकर ने की फूफा-भतीजे की हत्या, पुलिस ने किया हैरान करने वाला खुलासा

मुकुल शर्मा

05 Apr 2024 (अपडेटेड: 05 Apr 2024, 04:40 PM)

उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुए फूफा-भतीजा हत्याकांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. हत्या के आरोप में पुलिस ने मृतक के नौकर और उसका साथी गिरफ्तार किया है.

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश के बुलन्दशहर में हुए फूफा-भतीजा हत्याकांड का पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. हत्या के आरोप में पुलिस ने मृतक के नौकर और उसका साथी गिरफ्तार किया है. हत्याकांड का खुलासा करते हुए पुलिस ने दावा किया है कि कथित चमत्कारी सिक्का प्राप्त करने के लिए ऋषभ ने अपने दोस्त के साथ मिलकर की थी राजीव गर्ग और फूफा सुधीर गर्ग की निर्मम हत्या. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर हत्या में इस्तेमाल होने वाले हथियार  को भी बरामद कर लिया है.

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फूफा-भतीजे का मिला था शव

बता दें कि बीते  रविवार शाम से लापता हुए फूफा और भतीजा का शव खून से लथपथ शव नहर के पास सोमवार को पड़ा मिला. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची शव को  कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज मामले की जांच शुरू की. पीड़ित परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी. वहीं तीन दिन खोजबीन के बाद 4 अप्रैल को पुलिस ने ऋषभ और उसके साथी गिरफ्तार कर इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया.  

हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा

पुलिस ने दावा किया कि कथित चमत्कारी सिक्का प्राप्त करने के लिए ऋषभ ने अपने दोस्त के साथ मिलकर राजीव गर्ग और उसके फूफा सुधीर गर्ग की निर्मम हत्या की थी. पुलिस ने हत्यारोपियों के पास आला कत्ल भी बरामद किया है. मामले में एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया दिनांक 31 मार्च को राजीव गर्ग निवासी ब्रहम्पुरी थाना कोतवाली नगर अपने फूफा सुधीर निवासी डीसीएम वाली गली (गांधी  (गांधी चौक) के साथ एआरटीओ ऑफिस के पास स्थित जनसेवा केंद्र से किसी कार्य के लिए निकले थे. लेकिन घर नही पहुंचे. 

इसके अगले दिन यानि 1 अप्रैल को राजीव गर्ग व सुधीर अग्रवाल के शव थाना कोतवाली देहात क्षेत्रान्तर्गत अडौली नहर के पास मिले थे.  घटना के संबंध में मृतक के परिजन संजीव गर्ग की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की गई. तकनीकी साक्ष्यों व 200 सीसीटीवी कैमरों की सहायता से ऋषभ व उसके दोस्त तनु का नाम प्रकाश में आया, जिनको स्वाट टीम व थाना कोतवाली देहात पुलिस टीम द्वारा गिरफ्तार किया गया. 

'जादुई सिक्के' की वजह से हुई हत्या

पुलिस के मुताबिक मृतक राजीव पर उसके 80 हजार रुपये उधार थे तथा कुछ महीने का वेतन भी नहीं मिला था. . इस बात को लेकर वह क्षुब्द व बेहद आक्रोशित था. साथ ही ऋषभ को पता चला कि राजीव के पास एक 'चमत्कारी सिक्का' है, जिसके बारे में उसने राजीव से ही सुन रखा था. इस सिक्के को पाने के लिए और राजीव के व्यवहार से तंग आकर ऋषभ ने खौफनाक कदम उठाया.  पुलिस की माने तो हत्यारोपियों को अन्धविश्वास था कि इस सिक्के की सहायता से मौसम को बदला जा सकता है तथा वर्षा भी कराई जा सकती है. इतना ही नहीं मनचाही  इच्छा भी पूरी की जा सकती है. इसी लालच में आकर ऋषभ द्वारा अपने दोस्त तनु को साथ मिलाकर राजीव को मारने की योजना बनाई गई.
 

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