महमूदाबाद स्टेट और उसके नवाब वंशजों को सीएम योगी दे आए ये सीधी चेतावनी, इनका खजाना और इतिहास भी जान लीजिए

UP News: सीएम योगी ने महमूदाबाद स्टेट की संपत्ति को शत्रु संपत्ति बताया और कहा कि अब ये जनता की’संपत्ति है. इस दौरान सीएम योगी ने सीतापुर की महमूदाबाद स्टेट के नवाब पर गंभीर आरोप भी लगाए.

UP News

UP News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को बाराबंकी जिले के फतेहपुर में आयोजित जनसभा में महमूदाबाद स्टेट और उसके वंशजों पर सीधा हमला बोला. उन्होंने महमूदाबाद स्टेट की संपत्ति को शत्रु संपत्ति बताया. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि कुछ लोग भारत में रहते हैं. यहां का खाता हैं. मगर उन्हें वंदे मातरम कहना पसंद नहीं है. सीएम योगी ने साफ कहा कि अब ऐसा नहीं चलेगा.

यह भी पढ़ें...

महमूदाबाद स्टेट शत्रु संपत्ति है- सीएम योगी

इस दौरान सीएम योगी ने महमूदाबाद स्टेट की संपत्ति को शत्रु संपत्ति बताया और कहा कि अब ये जनता की’संपत्ति है. इस दौरान सीएम योगी ने सीतापुर की महमूदाबाद स्टेट के नवाब पर गंभीर आरोप भी लगाए.

सीएम योगी ने कहा,  महमूदाबाद का नवाब मुस्लिम लीग का कोषाध्यक्ष था. पाकिस्तान बनने में इसने काफी पैसा दिया था. उसकी पूरी संपत्ति शत्रु संपत्ति घोषित है. सीएम योगी ने आगे कहा, ये लोग पाकिस्तान में कामयाब नहीं हुए तो वापस भारत लौट आए. अब नवाब के वंशज फिर यहां अपना पैर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. 

इस दौरान सीएम योगी ने सरकार पटेल को भी याद किया. सीएम योगी ने कहा, हैदराबाद का निजाम और जूनागढ़ का नवाब अपनी रियासत पाकिस्तान में मिलाना चाहते थे, लेकिन सरदार पटेल ने कड़ा निर्णय लेकर इस मामले को सुलझाया था.

क्या है राजा महमूदाबाद का इतिहास? 

आपको बता दें कि राजा मोहम्मद अली खान (राजा महमूदाबाद) की गिनती देश की प्रतिष्ठित रियासतों में होती थी. वे उच्च शिक्षित थे और उनका परिवार कई राज्यों में हजारों बीघा जमीनों का मालिक था. महमूदाबाद रियासत के उत्तराधिकारी राजा महमूदाबाद की निजी जिंदगी भी काफी चर्चा में रही. वैसे तो राजा मुस्लिम धर्म से संबंध रखते थे. मगर उन्होंने विवाह राजस्थान की एक बड़ी रियासत की महिला विजया मेहता से किया था. वह शादी के बाद विजया खान बन गई. राजा के दो बेटे हैं, जिनमें से एक वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के करीबियों में गिने जाते हैं.

आपको बता दे कि महमूदाबाद रिसायत की लखनऊ में 200 से अधिक संपत्तियां मानी जाती हैं, जो जांच के दायरे में हैं. हजरतगंज क्षेत्र में उनकी संपत्तियों की उत्पत्ति, लीज एग्रीमेंट्स और कब्जे की जांच चल रही है. कई संपत्तियों पर लीज से अधिक कब्ज़ा पाए जाने की बात सामने आई है.

महमूदाबाद परिवार की वक्फ और जमींदारी संपत्तियां लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर समेत कई जिलों में फैली हुई थीं, जिनमें से बड़ी संख्या अब जांच के घेरे में है. 

    follow whatsapp