ये है वृंदावन का सबसे अनोखा मंदिर, देखते रह जाएंगे इनकी सुंदरता, जब भी जाएं दर्शन करना ना भूलें

पलक खरे

• 09:40 AM • 09 Sep 2023

Temples to Visit in Vrindavan: कृष्ण भक्तों के लिए वृंदावन एक विशेष महत्व रखता है और उत्तर प्रदेश राज्य के इस पवित्र शहर में भक्त…

srinath mandir vrindavan

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Temples to Visit in Vrindavan: कृष्ण भक्तों के लिए वृंदावन एक विशेष महत्व रखता है और उत्तर प्रदेश राज्य के इस पवित्र शहर में भक्त बांके बिहारी जी के दर्शन करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं. मथुरा में स्थित वृंदावन को भगवान श्री कृष्ण के बाल लीलाओं का स्थान माना जाता है. यहां पर आपको श्री कृष्ण और राधा रानी के कई अन्य प्रसिद्ध मंदिर दिखाई देंगे. अगर आप वृंदावन जा रहे हैं, तो आप इस बार बांके बिहारी जी के दर्शन के बाद इन प्रमुख मंदिरों के भी दर्शन करें. इन मंदिरों का भी अपना विशेष महत्व है.

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प्रेम मंदिर

वृंदावन में प्रेम मंदिर एक प्रसिद्ध तीर्थस्थल है. इस मंदिर में आपको भगवान श्री कृष्ण और राधा की प्रेम लीलाओं की झांकियां देखने को मिलती हैं. यहां पर कृष्ण भक्ति का माहौल रहता है. प्रेम मंदिर (Prem Mandir) एक विशाल मंदिर है, जिसे जगद्गुरु श्री कृपालुजी महाराज ने बनवाया था. मंदिर 54 एकड़ में फैला हुआ है और 125 फुट ऊंचा, 122 फुट लंबा और 115 फुट चौड़ा है. मंदिर के अंदर हरियाली भरे बगीचे, फव्वारे और श्रीगोवर्धन धारण लीला, कालिया नाग दमन लीला, झूलन लीलाओं एवं राधा-कृष्ण की मनोहर झांकियां हैं. मंदिर के बाहर संगमरमर की दुधिया चिकनी पट्टियों पर श्री राधा गोविंद के सरल दोहे लिखे गए हैं. मंदिर सुबह 8:30 से दोपहर 12:00 बजे तक और शाम 4:30 से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है.

इस्कॉन वृंदावन मंदिर

वृंदावन में इस्कॉन मंदिर (ISKCON Temple) भगवान कृष्ण और बलराम को समर्पित है. इस मंदिर को स्वामी प्रभुपाद ने बनवाया था, जो इस्कॉन के संस्थापक थे. उनका सपना था कि कृष्ण और बलराम के लिए एक मंदिर बनाया जाए, ताकि लोग उनके बारे में जान सकें और उनकी पूजा कर सकें. मंदिर सफेद संगमरमर से बना है और बहुत सुंदर है. मंदिर की दीवारों पर भगवान कृष्ण और बलराम की कहानियां चित्रित की गई हैं. मंदिर में प्रतिदिन आरती और भगवद गीता की कक्षाएं होती हैं. मंदिर सुबह 4:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक और शाम 4:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खुला रहता है.

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निधिवन, वृन्दावन

यमुना नदी के पास स्थित निधिवन (Nidhivan) एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण और उनकी गोपियों ने यहां रासलीला की थी. कहा जाता है कि रात के समय, निधिवन के पेड़ और लताएं गोपियों में बदल जाती हैं और भगवान कृष्ण के साथ रासलीला करती हैं. यही वजह है कि शाम के बाद यहां जाना मना है. निधिवन का क्षेत्रफल लगभग दो-ढाई एकड़ है. यहां के पेड़ों की डालियां नीचे की ओर झुकी हुई हैं और आपस में गुंथी हुई हैं.

राधा रमन मंदिर

वृंदावन में राधा रमन मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है. यह मंदिर वृंदावन रेलवे स्टेशन से लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. मंदिर में भगवान कृष्ण और राधा रानी की शालीग्राम की मूर्तियां हैं. मंदिर बहुत ही सुंदर है और इसे वृंदावन के सबसे आधुनिक मंदिरों में से एक माना जाता है. राधा रमन की मूर्ति के ठीक बगल में गोपाल भट्ट की समाधि है, जो मंदिर परिसर में स्थित है. मंदिर सुबह 8:00 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 6:00 बजे से रात 8:00 बजे तक खुला रहता है.

श्री रंगनाथ मंदिर

वृंदावन का श्री रंगजी मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. यह मंदिर वृंदावन का सबसे बड़ा मंदिर है और इसे दक्षिण भारतीय शैली में बनाया गया है. मंदिर में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति है, जो शेषनाग की शैया पर लेटे हुए हैं. मंदिर में अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं, जिनमें भगवान नरसिंह, भगवान राम, भगवान लक्ष्मण, देवी सीता और भगवान वेणुगोपाल शामिल हैं. मंदिर के अंदर एक सोने का स्तंभ भी है, जो 50 फीट ऊंचा है. मंदिर का मुख्य आकर्षण वाहन और कांच महल है, जिसमें रथयात्रा के सोने के वाहन और प्रतिमाएं रखी गई हैं. मंदिर सुबह 8 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक और शाम 6 बजे से रात 8 बजे तक खुला रहता है.

वृंदावन का केसी घाट

वृंदावन के घाटों में से एक केसी घाट एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है. यह घाट अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यहां यमुना नदी बहती है, जो अपने निर्मल जल के लिए प्रसिद्ध है. घाट के किनारे कई छोटे-बड़े मंदिर हैं, जिनमें भगवान कृष्ण और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं. कहा जाता है कि इस घाट पर भगवान कृष्ण ने राक्षस केशी का वध किया था. केशी एक अत्यंत शक्तिशाली राक्षस था, जिसने वृंदावन में आतंक फैला रखा था. भगवान कृष्ण ने उसे युद्ध में हराकर वृंदावन वासियों को उसके अत्याचार से बचाया. मान्यता है कि इस घाट पर यमुना में डुबकी लगाने से कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है. इसलिए, हर साल लाखों श्रद्धालु यहां आते हैं और यमुना में डुबकी लगाते हैं.

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