पुलिस को दिया चकमा... JPNIC में जाकर सपा के 2 नेताओं ने किया 'जेपी' की प्रतिमा पर माल्यार्पण, दोनों के नाम सामने आए 

लखनऊ के जेपीएनआईसी में जय प्रकाश नारायण की जयंती पर कड़ी सुरक्षा के बावजूद सपा छात्र सभा के नेता विनीत कुशवाहा और अमर यादव बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसे और प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस घटना से पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठे हैं.

Lucknow JPNIC News

संतोष शर्मा

11 Oct 2025 (अपडेटेड: 11 Oct 2025, 10:40 AM)

follow google news

Lucknow News: आज यानी 11 अक्टूबर को भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और राजनेता जय प्रकाश नारायण (JP) की जयंती है. इस अवसर पर सपा चीफ अखिलेश यादव की जेपीएनआईसी जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करने की खबर है. अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ता अंदर न जा सकें इसके लिए जेपीएनआईसी के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रास्ते को बैरिकेड्स और टिन शेड लगाकर ब्लॉक किया गया था. मगर आज सुबह जो घटना हुई उसने पुलिस प्रशासन के बंदोबस्त पर सवाल खड़े कर दिए. कई थानों की फोर्स तैनात होने के बावजूद समाजवादी छात्र सभा के नेताओं ने पुलिस के इंतजामों को दरकिनार कर दिया.

यह भी पढ़ें...

समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष विनीत कुशवाहा और प्रदेश उपाध्यक्ष अमर यादव ने पुलिस बैरिकेडिंग और सुरक्षा व्यवस्था को भेदते हुए जेपीएनआईसी परिसर में एंट्री ली. अंदर पहुंचकर उन्होंने ने जय प्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इतना ही नहीं उन्होंने तस्वीरें खिंचवाईं और वीडियो भी बनाया. जिन छात्र नेताओं ने माल्यार्पण किया उनका कहना है कि वे यह माल्यार्पण सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से कर रहे हैं. 

पुलिस करेगी कार्रवाई

इस घटना के बाद समाजवादी पार्टी ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है. सपा नेता पूजा शुक्ला ने X (पहले ट्विटर) पर तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा, "योगी आदित्यनाथ आपकी पुलिस समाजवादियों के मजबूत हौसलों को नहीं तोड़ सकती. समाजवादी छात्रसभा ने माला भी पहनाई और सरकार की छोटी मानसिकता को भी सबके सामने ला दिया, समाजवादी छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री विनीत कुशवाहा भैया और प्रदेश उपाध्यक्ष अमर यादव को इस शानदार क्रांतिकारी कार्यक्रम की बधाई."

लखनऊ के JPNIC को लेकर क्या है विवाद?

JPNIC लखनऊ के गोमती नगर में स्थित एक विशाल परिसर है. यह समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है. जेपीएनआईसी को लेकर मुख्य विवाद परियोजना के अधूरेपन, भ्रष्टाचार के आरोप और राजनीतिक कार्यक्रमों पर रोक से जुड़ा है. 2017 में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद इस परियोजना का निर्माण कार्य ठप है. 

योगी सरकार ने परियोजना के निर्माण कार्य में कथित गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की जांच के आदेश दिए. फिलहाल, लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) इसकी जांच कर रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कई बार मंच से इस पर अखिलेश यादव पर हमला भी किया है. 

क्या है माल्यार्पण को लेकर विवाद?

हर साल 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अखिलेश यादव और सपा कार्यकर्ता जेपीएनआईसी जाकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं. पिछले कुछ सालों से योगी सरकार सुरक्षा कारणों और परिसर के निर्माणाधीन होने का हवाला देकर अखिलेश यादव को अंदर जाने से रोक रही है. विरोध में सपा कार्यकर्ता अक्सर बैरिकेडिंग पर चढ़कर या उसे पार करके परिसर में घुसने की कोशिश करते हैं जैसा कि हाल ही में भी देखा गया.  

अखिलेश यादव ने लगाया ये आरोप?

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि योगी सरकार इस परियोजना को बेच देना चाहती है.  हाल ही में, योगी कैबिनेट ने जेपीएनआईसी को लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपने का फैसला किया, जिस पर अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी कि इससे संपत्ति को बेचना आसान हो जाएगा. उन्होंने तो यहां तक कहा कि सपा कार्यकर्ता चंदा इकट्ठा कर इसे खरीदने के लिए तैयार हैं. 

ये भी पढ़ें: 80 लाख फॉलोवर्स वाला सपा चीफ अखिलेश यादव का फेसबुक अकाउंट क्यों हुआ ब्लॉक... बड़ी वजह सामने आई

    follow whatsapp