उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में जमीन के दामों में बड़ा बदलाव देखने को मिला है. राजस्व विभाग द्वारा जारी किए गए नए सर्किल रेट ने रियल एस्टेट बाजार में हलचल मचा दी है. खासकर शहर की प्रमुख सड़कों और पॉश इलाकों में जमीन अब 'सोने' के भाव बिक रही है.
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कहां कितना महंगा हुआ प्लॉट?
अब तक राजधानी में जहां सर्किल रेट बाजार दर से काफी कम थे, वहीं अब उन्हें रीयल मार्केट के करीब लाने की कोशिश की गई है. इसका सीधा असर ये है कि जमीन की सरकारी दरें कई इलाकों में 20% से लेकर 60% तक बढ़ा दी गई हैं.
लखनऊ के प्रमुख इलाकों में नए सर्किल रेट (₹ प्रति वर्ग मीटर):
सबसे महंगे इलाके:
- विराजखंड व विभूतिखंड (गोमतीनगर, शहीद पथ): ₹70,000
- अटल चौक से लूलू मॉल के पीछे: ₹50,000
- सुशांत गोल्फ सिटी, मेदांता हॉस्पिटल, लूलू मॉल के आसपास: ₹50,000–52,000
- महानगर गोल मार्केट से निशातगंज पुल तक: ₹53,000
- अलीगंज सेक्टर L व कपूरथला चौराहा: ₹54,000
- मुंशीपुलिया से बिरयानी हाउस तक: ₹49,500
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मध्यम दाम वाले इलाके:
- अयोध्या रोड (लेखराज चौकी से रिंग रोड तक): ₹49,500
- वृंदावन योजना – नीलमथा अंडरपास: ₹40,000
- रायबरेली रोड (मोहनलालगंज, सरोजनीनगर): ₹18,000–40,000
- कानपुर रोड (जुनाबगंज–भागू खेड़ा): ₹15,000
सस्ते इलाके:
- किसान पथ (नगर निगम सीमा के भीतर): ₹20,000
- किसान पथ (सीमा के बाहर): ₹15,000
- बख्शी का तालाब क्षेत्र: ₹8,000–10,000
- पूर्वांचल एक्सप्रेसवे किनारे औसतन: ₹6,000–10,000
- मलिहाबाद–मोहन रोड: ₹7,000
- मॉल रहीमाबाद रोड: ₹3,400–8,200
क्यों बढ़े सर्किल रेट?
राजस्व विभाग के मुताबिक, पिछले कई सालों से बाजार मूल्य और सरकारी सर्किल रेट में बड़ा अंतर था. डेवलपर्स ऊंचे दामों पर प्रॉपर्टी बेच रहे थे, लेकिन सरकारी दस्तावेज में कम दर दिखाई जा रही थी. सरकार ने अब इस फासले को कम कर राजस्व में इजाफा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है.
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