उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के खान-पान को अब वैश्विक पहचान मिल गई है. नवाबी व्यंजनों के लिए मशहूर लखनऊ को UNESCO (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) के क्रिएटिव सिटीज नेटवर्क (CCN) में 'गैस्ट्रोनॉमी' (खान-पान/पाक कला) श्रेणी के तहत शामिल किया गया है. यह घोषणा लखनऊ की सदियों पुरानी पाक कला विरासत और भारत की समृद्ध गैस्ट्रोनॉमी परंपराओं को मिली एक बड़ी वैश्विक स्वीकृति है. UNESCO की महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने शुक्रवार को 58 शहरों को CCN का नया सदस्य नामित किया. CCN अब 100 से अधिक देशों में 408 शहरों का नेटवर्क बन चुका है. इसे लेकर अब पीएम मोदी और सीएम योगी का रिएक्शन भी सामने आया है.
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आपको बता दें कि भारत में संयुक्त राष्ट्र ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि, 'मुंह में पानी लाने वाले गलौटी कबाब से लेकर अवधी बिरयानी, स्वादिष्ट चाट और गोलगप्पे, मक्खन मलाई जैसे मिठाइयों संग और भी बहुत कुछ, सदियों पुरानी परंपराओं से समृद्ध उत्तर प्रदेश का लखनऊ भोजन का स्वर्ग है.'
लखनऊ को यह सम्मान मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की. उन्होंने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा कि लखनऊ जीवंत संस्कृति का पर्याय है, जिसके मूल में एक महान पाक कला संस्कृति है. पीएम मोदी ने लिखा कि मुझे खुशी है कि UNESCO ने लखनऊ के इस पहलू को मान्यता दी है और मैं दुनिया भर के लोगों से लखनऊ आने और इसकी अद्वितीयता की खोज करने का आह्वान करता हूं.'
पर्यटन को मिलेगी बड़ी रफ़्तार: सीएम योगी
इस वैश्विक सम्मान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सफल मार्गदर्शन में भारत की परंपराओं, संस्कृति और मूल्यों को वैश्विक मंच पर लगातार नई पहचान और प्रतिष्ठा मिल रही है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई!'
जायका और तकनीक: क्यों है लखनवी व्यंजन खास?
लखनवी खान-पान की पहचान सिर्फ कबाब नहीं हैं. यहां के व्यंजनों की विविधता ऐसी है कि शाकाहारी और मांसाहारी दोनों के लिए एक से एक चीजें मौजूद हैं.
आइकॉनिक व्यंजन: अवधी व्यंजनों में सबसे प्रसिद्ध गलौटी या गला वटी कबाब हैं. ये अपनी सॉफ्टनेस और मुँह में घुल जाने वाली खासियत के लिए जाने जाते हैं.
मिठाई और चाट: मलाईदार 'मलाई गिलोरी' सदाबहार पसंदीदा है, तो 'पानी पूरी' या 'पानी के बताशे' भी अपनी अनूठी रेसिपी (उबले आलू की जगह सफेद मटर का उपयोग) के कारण लोकप्रिय हैं.
अन्य लज़ीज़ डिश: पतली परत वाली शीरमाल से लेकर निहारी के साथ खाए जाने वाले सफेद मखमली कुलचे हैं. इसके अलावा धीमी आंच पर पकी हुई सुगंधित दम बिरयानी, दाल-गोश्त भी यहां की पहचान हैं.
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यटन एवं संस्कृति के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने बताया कि लखनऊ में 2024 में 82.7 लाख पर्यटक आए, और 2025 की पहली छमाही में ही 70.2 लाख पर्यटक आ चुके हैं. ये इस बात का संकेत है कि पाक कला और संस्कृति कैसे उत्तर प्रदेश के पर्यटन विकास को गति दे रहे हैं. मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले प्रसिद्ध शेफ रणवीर बरार ने भी इस जानकारी के सामने आने के बाद कमेंट किया कि देर आए, दुरुस्त आए. उन्होंने कहा कि यह हर लखनवी के लिए एक जिम्मेदारी भी है कि वह दुनिया के सामने अपनी मेहमाननवाजी और व्यंजनों को और भी अधिक गर्व और प्रामाणिकता के साथ पेश करे.
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