Dr. Medusa alias Madri Kakoti news: पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करना लखनऊ यूनिवर्सिटी की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी को भारी पड़ गया है. प्रोफेसर माद्री काकोटी के खिलाफ लखनऊ के हसनगंज कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है. उन पर देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को चोट पहुंचाने के आरोप लगाए गए हैं.
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क्या है पूरा मामला?
डॉ. माद्री काकोटी लखनऊ यूनिवर्सिटी के लिंग्विस्टिक्स विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया, जिसमें लिखा था कि, 'धर्म पूछकर लिंच करना भी आतंकवाद है. धर्म पूछकर नौकरी से निकालना भी आतंकवाद है. धर्म पूछकर घर ना देना भी आतंकवाद है. धर्म देखकर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद है.'
उनके इस पोस्ट के वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया. आरोप है कि पाकिस्तान के कई मीडिया चैनलों और सोशल मीडिया हैंडल्स ने उनके बयान को वायरल कर भारत विरोधी दुष्प्रचार में इस्तेमाल किया.
किसने कराया केस?
इस मामले में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़े लखनऊ यूनिवर्सिटी के एमए हिंदी प्रथम वर्ष के छात्र जतिन उर्फ मनमोहन शुक्ला ने शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने अपनी तहरीर में आरोप लगाया कि माद्री काकोटी अपने बयानों से देश की एकता और अखंडता पर लगातार चोट कर रही हैं और इस प्रकार के बयान राष्ट्रीय एकता के लिए खतरनाक हैं.
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किस-किस धारा में दर्ज हुई FIR?
पुलिस ने डॉ. माद्री काकोटी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया है. काकोटी पर धारा 196(1)(a) : धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर वैमनस्य फैलाना, धारा 197(1) : राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुंचाने वाले आरोप, धारा 302 : धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से शब्द या कार्य करना, धारा 152 : भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाला कार्य, धारा 352 : जानबूझकर अपमान करना जिससे शांति भंग हो सकती है और धारा 353(2) : झूठी सूचना फैलाकर विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य या घृणा फैलाना में केस दर्ज किया गया है.
इसके अलावा, उन पर सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
लखनऊ यूनिवर्सिटी ने भी दिया है नोटिस
डॉ. काकोटी के पोस्ट को लेकर विवाद बढ़ने के बाद, लखनऊ यूनिवर्सिटी ने डॉ. माद्री काकोटी को एक कारण बताओ नोटिस जारी किया. नोटिस में कहा गया कि उनकी पोस्ट और वीडियो को “पाकिस्तान द्वारा संचालित X हैंडल PTI Promotion” सहित विभिन्न अकाउंट्स द्वारा शेयर किया जा रहा है, जिससे लखनऊ यूनिवर्सिटी और राष्ट्र की छवि धूमिल होने की संभावना है. नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया कि उनके इस कृत्य से देश और समाज के प्रति गलत संदेश गया है. यूनिवर्सिटी ने डॉ. काकोटी से 5 दिन के भीतर इसे लेकर स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही इस नोटिस में यह भी पूछा गया है कि उनके इस पोस्ट के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन उनके खिलाफ क्यों ना काई अनुशासनिक कार्यवाही करे.
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पुलिस का क्या कहना है?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामला गंभीर प्रकृति का है और जांच जारी है. अगर आवश्यक हुआ तो प्रोफेसर माद्री काकोटी से पूछताछ भी की जाएगी. बताया जा रहा है कि माद्री काकोटी का यह पोस्ट पाकिस्तान के मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी तेजी से वायरल हुआ है. इससे भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है.
पहले नेहा सिंह राठौर पर भी हो चुका है केस
गौरतलब है कि इससे पहले लोकगायिका नेहा सिंह राठौर पर भी पहलगाम हमले पर सोशल मीडिया पर टिप्पणी करने को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी.
कौन हैं असि. प्रोफेसर माद्री काकोटी?
बता दें कि असि. प्रोफेसर माद्री काकोटी सोशल मीडिया पर डॉ मेडुसा के नाम से फेमस हैं. वह अपने व्यंग लहजे में सरकारों की अक्सर आलोचना करती हैं. वह असम की रहने वाली हैं और सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो अक्सर वायरल होती रहती है. फिलहाल वह लखनऊ विश्वविद्यालय में असि. प्रोफेसर हैं.
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