उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, शत्रु संपत्ति पर धोखाधड़ी से कब्जा करने का है मामला

Lucknow News: लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र के जियामऊ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके उसे धोखाधड़ी से अपने, अपने भाई तथा पिता मुख्तार अंसारी के…

सत्यम मिश्रा

• 02:45 AM • 25 Nov 2022

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Lucknow News: लखनऊ के हजरतगंज क्षेत्र के जियामऊ की शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके उसे धोखाधड़ी से अपने, अपने भाई तथा पिता मुख्तार अंसारी के नाम कराने के अभियुक्त अंसारी के बेटे उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई है. जिला जज संजय शंकर पांडेय ने गुरुवार को यह आदेश पारित किया.

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जमानत का विरोध करते हुए सरकारी वकील मनोज त्रिपाठी ने कहा था कि मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त, 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि मुख्तार अंसारी व उसके बेटों अब्बास सारी और उमर अंसारी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर सरकारी निष्क्रांत भूमि पर अपराधिक साजिश के तहत लखनऊ विकास प्राधिकरण से नक्शा पास करा के कब्जा कर लिया तथा उक्त भूमि पर अवैध निर्माण भी कर लिया गया है.

आरोप लगाया गया कि जियामऊ स्थित जमीन मोहम्मद वसीम के नाम से दर्ज थी, बाद में वसीम पाकिस्तान चला गया लिहाज़ा वह जमीन सरकार में निष्क्रांत सम्पत्ति के रूप में निहित हो गई. कहा गया है कि बाद में उक्त जमीन बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के लक्ष्मी नारायण के नाम दर्ज हो गई और उसके बाद कृष्ण कुमार के नाम दर्ज हो गई.

आरोप है कि अभियुक्त उमर अंसारी, अब्बास अंसारी और मुख़्तार अंसारी ने उक्त ज़मीन को हड़पने के लिए एक पूर्व नियोजित योजना के तहत अपराधिक साजिश के तहत इस काम को अंजाम दिया है।

अभियोजन की ओर से आरोप लगाया गया कि मामले में माफिया मुख्तार अंसारी ने अनुचित दबाव डालकर अपने व अपने बेटों के नाम से शत्रु संपत्ति को दर्ज करा लिया है.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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