आर्टिफिशयल झील, हेलीपेड, पेट्रोल पंप, एयरपोर्ट वाली सुरक्षा... लखनऊ में सुब्रत रॉय ने 130 एकड़ जमीन पर क्या-क्या बना लिया था?

Subrata Roy Sahara News: लखनऊ में सुब्रत रॉय का साम्राज्य अंत की तरफ है. कभी लखनऊ की पहचान सहारा इंडिया के हजारों कर्मचारियों, भव्य इमारतों और कारोबार से जुड़ी रहती थी. अब सुब्रत रॉय के निधन के बाद समूह की संपत्तियों पर सरकारी कार्रवाई तेज हो गई है.

सुब्रत रॉय

आशीष श्रीवास्तव

01 Oct 2025 (अपडेटेड: 01 Oct 2025, 03:00 PM)

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Lucknow News: लखनऊ के गोमती नगर में स्थित सहारा शहर अब नगर निगम की संपत्ति बन गया है. सहारा इंडिया के  साम्राज्य का अब अंत होता दिख रहा है. सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा की संपत्तियों पर सरकारी कार्रवाई तेज हो गई है. सहारा समूह की लीज खत्म होने के बाद नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने एक्शन शुरू कर दिया है.  नगर निगम ने 130 एकड़ में बने शहर के अंदर और बाहर मिलाकर 10 से 15 बोर्ड लगा दिए हैं. लीज की शर्तों का उल्लंघन होने पर नगर निगम और एलडीए ने इस पूरे परिसर को अपने कब्जे में ले लिया. 

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कैसे डिजाइन किया गया था सहारा शहर को? 

सहारा शहर को इस तरह डिजाइन किया गया था कि यह खुद में एक पूरा और आत्म-निर्भर शहर जैसा लगे. यहां हर तरह की आधुनिक सुविधाएं मौजूद थीं. ये सुविधाएं आम तौर पर किसी छोटे शहर में भी नहीं मिलती हैं, लेकिन यहां सुब्रत रॉय ने सब उपलब्ध कराई थीं. परिसर के केंद्र में एक आलीशान, महलनुमा बंगला मौजूद था जो सहाराश्री सुब्रत रॉय का आवास था. 

और कौन-कौन सी सुविधाएं थीं मौजूद?


 निजी हवाई सुविधा: आवागमन को सुगम और विशेष बनाने के लिए इस परिसर में हेलीपैड भी बनवाया गया था.

आधुनिक ऑडिटोरियम और थिएटर: यहां 5000 की क्षमता वाला विशाल सभागार (ऑडिटोरियम) और एक मॉडर्न थिएटर मौजूद था. ऐसा कहा जाता है कि बड़े आयोजनों और निजी स्क्रीनिंग के लिए इसका इस्तेमाल होता था.

हाई-टेक सुरक्षा: प्रवेश और सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट जैसे स्कैनर लगाए गए थे. 

अन्य भव्य सुविधाएं: 130 एकड़ के इस विशाल परिसर में क्लब हाउस, बड़ा स्विमिंग पूल, और एक आर्टिफिशियल झील भी मौजूद थी. इसके अलावा, कर्मचारियों और निवासियों की सुविधाओं के लिए अस्पताल, फायर स्टेशन और पेट्रोल पंप जैसी मूलभूत सुविधाएं भी विकसित की गई थीं. 

नगर निगम ने क्यों की कार्रवाई?

नगर निगम ने 1994-95 में मुलायम सिंह यादव सरकार के समय सहारा को 170 एकड़ जमीन लीज पर दी थी. इसमें से 130 एकड़ जमीन लाइसेंस डीड के तहत आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाओं के लिए थी. लेकिन सहारा समूह ने नियमों का उल्लंघन करते हुए यहां लग्जरी बंगले, ऑडिटोरियम, स्टेडियम और हेलीपैड जैसी सुविधाएं बना लीं. नगर निगम ने सहारा के नोटिस का जवाब खारिज कर दिया है और अब कार्रवाई शुरू हो गई है.

यहां देखें वीडियो रिपोर्ट

 

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