UP Crime News: ऑनलाइन मैट्रिमोनियल साइट पर बने रिश्ते ने लखनऊ की एक नर्सिंग ऑफिसर की जिंदगी हिला दी. खुद को जज बताने वाले युवक ने भरोसा जीतकर उससे शादी की बात पक्की की और फिर लग्जरी कार खरीदने का झांसा देकर करीब 59.50 लाख रुपये ऐंठ लिए. पीड़िता की शिकायत पर कर्नलगंज थाने में केस दर्ज हुआ है.
ADVERTISEMENT
कैसे रचा गया ठगी का जाल
फरवरी में पीड़िता के पिता ने विवाह के लिए विज्ञापन दिया था. उसी दौरान आरोपी ने उनसे संपर्क किया और अपना परिचय वाराणसी निवासी अंशुमान विक्रम सिंह के रूप में दिया. उसने खुद को आजमगढ़ में तैनात सिविल जज (जूनियर डिवीजन) बताया. लगातार बातचीत के जरिए उसने परिवार का भरोसा जीत लिया और युवती से भी नजदीकियां बढ़ाईं.
जुलाई में बातचीत के दौरान आरोपी ने एक करोड़ रुपये की कार लेने का जिक्र छेड़ा. उसने कहा कि न्यायिक पद पर रहते हुए इतनी महंगी गाड़ी खरीदने पर सवाल उठ सकते हैं, इसलिए पैसे का लेनदेन गुप्त रखना जरूरी है. नर्सिंग ऑफिसर पहले ही भावनात्मक रूप से जुड़ चुकी थी, इसलिए उन्होंने अपनी बचत और लोन की रकम मिलाकर लगभग 59.50 लाख रुपये आरोपी को उपलब्ध करा दिए.
कानपुर पहुंचकर गायब हुआ शातिर
7 सितंबर को युवती रुपयों से भरा बैग लेकर झकरकटी बस अड्डे पर पहुंची. आरोपी बैग कार में रखवाकर उसे भी अपने साथ ले गया. थोड़ी देर बाद बहाने से कार छोड़कर वह कहीं निकल गया और मोबाइल बंद कर लिया. देर रात तक इंतजार करने के बाद पीड़िता को ठगी का एहसास हुआ और वह लखनऊ लौट गई.
पुलिस ने की ये कार्रवाई
डीसीपी सेंट्रल श्रवण कुमार सिंह ने बताया कि युवती ने पिता के साथ आकर पूरी घटना बताई है. आरोपी की गाड़ी का नंबर और मोबाइल विवरण पुलिस के पास है. टीम उसकी तलाश में जुटी है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी.
ADVERTISEMENT
