कानपुर देहात में दो बच्चियां जिंदा जली, गांव के प्रधान पति पर आग लगाने का आरोप

रंजय सिंह

08 Apr 2024 (अपडेटेड: 08 Apr 2024, 06:46 PM)

कानपुर देहात में रविवार को एक घर में आग लगने से दो मासूम बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं इस हादसे में मां और बेटा भी गम्भीर रूप से झुलस गए.

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Kanpur News : उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक बेहद ही दर्दनाक करने वाली खबर सामने आई है. कानपुर देहात में रविवार को एक घर में आग लगने से दो मासूम बच्चियों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं इस हादसे में मां और बेटा भी गम्भीर रूप से झुलस गए. इनका इलाज कानपुर के हैलट अस्पताल में चल रहा है. इस मामले में परिवार वालों ने घर में आग लगाने का आरोप प्रधान पति और उनके लोगों पर लगाया है.  पीड़ित परिवार की शिकायत पर महिला प्रधान, उसके पति और चार अन्य लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. 

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कानपुर में दर्दनाक हादसा

बता दें कि ये पूरा मामला मंगलपुर थाना क्षेत्र के भूठा गांव का है, जहां 7 अप्रैल यानी रविवार दोपहर 2 बजे गांव के ही रहने वाले सोनू नाथ के घर में अचानक आग लग गई थी. इस दौरान घर में मौजूद सोनू की पत्नी रीना अपने 3 बच्चों के साथ सो रही थी. इसमें 1 वर्षीय अदिति और 4 वर्षीय गौरी की जलकर मौत हो गई. वहीं 7 वर्षीय बेटा गौरव और पत्नी रानी गंभीर रूप से झुलस गए. आग से झुलसे मां-बेटे को  जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया. वहां उनका इलाज चल रहा है. 

गांव के प्रधान पर लगा आरोप

वहीं इस दर्दनाक घटना के बाद परिजनों ने गांव की महिला प्रधान पूजा और उसके पति अजीत समेत अन्य लोगों पर आग लगाने का आरोप लगाया है. परिजन का कहना है कि तीन अप्रैल को सरकारी राशन दुकान लेने की खुली बैठक थी. इसमें पीड़ित के परिवार वालों ने भी कोटा लेने के लिए आवेदन कर दिया था. पीड़ित परिवार वालों का कहना है कि कोटा महिला प्रधान के ससुर के नाम से चल रहा था और वो लोग नहीं चाहते थे कि कोटा किसी और को मिले. इसलिए बैठक के बाद  प्रधान पति ने अपने लोगों के साथ मिलकर पहले भी मारपीट और आगजनी भी की थी. इसकी शिकायत पुलिस में की गई थी, लेकिन तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई थी. आरोप है कि उसके बाद अब रविवार को प्रधान पति अजीत ने घर में पीछे से आग लगा दी. 

पुलिस ने पीड़ित के आवेदन पर  प्रधान पति अजीत और प्रधान पूजा समेत 4 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. परिजनों ने मांग की है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो जाती है, तबतक दोनों बच्चियों के शवों का अन्तिम संस्कार नहीं करेंगे.
 

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