जिस जर्मन शेफर्ड ने दादी को मारा, उसी को वापस पाने पोता धीरू त्रिवेदी आगे आया, बोला- घर में कोई खाना नहीं खा रहा

Kanpur News: 14 मार्च की शाम कानपुर में एक 90 साल की बुजुर्ग महिला को पालतू जर्मन शेफर्ड ने मार डाला. डॉगी ने जिस मोहिनी त्रिवेदी काो मारा था, अब उनका पोता धीरू त्रिवेदी आगे आया है. धीरू त्रिवेदी ने नगर निगम से गुहार लगाई है कि उनके पालतू जर्मन शेफर्ड को वापस दे दिया जाए.

UP News

रंजय सिंह

19 Mar 2025 (अपडेटेड: 19 Mar 2025, 12:32 PM)

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Kanpur News: कानपुर में रिश्तों से ज्यादा कुत्ता कीमती हो गया है. दरअसल 14 मार्च के दिन पालतू जर्मन शेफर्ड ने परिवार की 90 वर्षीय दादी मोहिनी त्रिवेदी को मार डाला. बुजुर्ग पर जर्मन शेफर्ड लगातार हमला करता रहा और उन्हें दर्दनाक मौत दे डाली. इसके बाद नगर निगम की टीम मौके पर पहुंची और जर्मन शेफर्ड को पकड़ कर अपने साथ ले गई. 

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अब मृतक महिला के पोते धीरू प्रशांत त्रिवेदी ने नगर निगम से मांग की है कि उनके परिवार को जर्मन शेफर्ड लौटा दिया जाए. बाकायदा मृतका के पोते ने नगर निगम को एफिडेविट जमा किया है. मृतका के पोते का कहना है कि जर्मन शेफर्ड के घर से जाने के बाद परिवार में कोई खाना भी नहीं खा रहा है. अब अगर कोई घटना होती है तो उसका जिम्मेदार जर्मन शेफर्ड नहीं बल्कि वह खुद होगा. 

मोहिनी त्रिवेदी पर हमलावर हो गया था पालतू जर्मन शेफर्ड

दरअसल ये पूरा मामाल 14 मार्च का है. कानपुर के शीशम की रहने वाली मोहिनी त्रिवेदी का एक घर विकास नगर में भी है. उनके बेटे संजीव त्रिवेदी रिटायर कर्नल हैं. 14 मार्च को कानपुर में होली का रंग खेला गया था. विकास नगर वाले घर में मोहिनी त्रिवेदी अपने पोते धीरू प्रशांत त्रिवेदी और बहू किरण के साथ थीं. 

उनका घर में पाला हुआ कुत्ता जर्मन शेफर्ड कुछ दिनों से काफी हिंसक हो गया था. एक बार तो खुद मृतका का पोता और बहू भी घायल हो गए थे. इसी बीच 14 मार्च की शाम जर्मन शेफर्ड को खाना देते समय उसे डंडा मार दिया गया, जिसके बाद वह काफी हिंसक हो गया. उसने बुजुर्ग मोहनी त्रिवेदी को नोच-नोच कर मार डाला. मृतका की मौत के बाद परिवार में मातम छा गया और नगर निगम की टीम डॉगी को लेकर चली गई. मगर अब जब मृतका के सारे क्रिया कर्म पूरे हो गए हैं तो मृतका के परिवार ने कुत्ता वापस लौटाने की मांग नगर निगम से की है.

कुत्ते को पकड़ने पहुंची टीम भी उसकी हिंसा देख डर गई थी

बता दें कि हादसे वाले दिन जब जर्मन शेफर्ड को पकड़ने नगर निगम की टीम और पुलिस वहां पहुंची तो ये भी वहां का नजारा देख सहम गए थे. दरअसल महिला की बॉडी अंदर पड़ी थी और जर्मन शेफर्ड काफी हिंसक हो रहा था. ऐसे में वह पुलिस और नगर निगम की टीम पर भी हमला कर सकता था. काफी देर तक कोई भी उस कमरे में नहीं जा पाया. बड़ी मुश्किल से कुत्ते को कंट्रोल किया गया, तब जाकर कमरे में जाया गया.
 

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